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आज भेल के पास 1 लाख 15 हजार करोड़ से अधिक का आर्डर, 4 साल पहले अंधेरे में दिख रहा था भविष्य

Today BHEL has orders worth more than 1 lakh 15 thousand crores

भोपाल में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए भेल के प्रबंध निदेशक डॉ. नलिन सिंघल ने कहा
Today BHEL has orders worth more than 1 lakh 15 thousand crores, 4 years ago the future was looking in darkness: भोपाल. बीएचईएल ने देश की प्रगति और औद्योगिक विकास में महती भूमिका निभाई है और हमें इस बात पर गर्व है कि देश में आज जहां 50 प्रतिशत से अधिक विद्युत उत्पादन बीएचईएल निर्मित उपकरणों से होता है। भारतीय रेलवे के आधे से अधिक इंजन बीएचईएल निर्मित ट्रेक्शन मोटर से गतिमान हैं। वहीं चन्द्रयान-3 भी बीएचईएल द्वारा निर्मित बैटरी से सुसज्जित है। इसके निर्माण में बीएचईएल की भूमिका की सराहना की गई है। यह उदगार डॉ. नलिन सिंघल, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीएचईएल ने सांस्कृतिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस मौके पर राजीव सिंह, कार्यपालक निदेशक, बीएचईएल, भोपाल, अंजुला सिंघल, शशि सिंह, सभी महाप्रबंधकगण विभिन्न ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि तथा भारी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।

Today BHEL has orders worth more than 1 lakh 15 thousand crores

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हमें अपनी क्षमताओं में विश्वास को और अधिक मजबूत करना है
डॉ. सिंघल ने कहा कि भेल एक महान इंजीनियरिंग कंपनी है और हमें अपनी क्षमताओं में विश्वास को और अधिक मजबूत करना है। प्रधानमंत्री द्वारा मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता के लिए भेल पूर्ण रूप से प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भेल वर्ष 1960 से ही मेक इन इंडिया के क्षेत्र में अग्रणी रहा है और इसके उत्पादों ने न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व के 80 से अधिक देशों में अपनी गुणता तथा विश्वसनीयता के लिए एक विशिष्ट स्थान अर्जित किया है।

आज भेल के पास 1 लाख 15 हजार करोड़ से अधिक का आर्डर है
सिंघल ने खुशी जताते हुए कहा कि आज भेल के पास 1 लाख 15 हजार करोड़ से अधिक के आदेश हैं, जिनमें कर शामिल नहीं हैं। निश्चित तौर पर बीएचईएल के लिए यह गौरवपूर्ण स्थिति है। चार वर्ष पूर्व भेल के भविष्य पर आशंका व्यक्त की जाने लगी थी, लेकिन भेल के कर्मचारियों ने अपने अतुलनीय इंजीनियरिंग क्षमता, अनुभव और समर्पित टीम के कारण उद्योग जगत की तमाम शंकाओं को दूर करते हुए लाभार्जन किया और विभिन्न नए क्षेत्रों में प्रवेश कर अपनी इंजीनियरिंग क्षमता का प्रदर्शन किया। भारतीय नौ-सेना से मिले आदेश, कोल गैसीफिकेशन और रेलवे द्वारा वंदे भारत ट्रेन सेट निर्माण के लिए भेल को मिले आदेश ने बाजार में इसकी साख को मजबूत आधार दिया है।

कर्मचारियों से कहा कि हमें ग्राहकों के विश्वास को बनाए रखते हुए हर हाल में सर्वोत्तम गुणता वाले उत्पादों का निर्माण करना है और विक्री के बाद सेवा में भी ऐसी ही तत्परता दिखानी है। हमारे लिए सबसे जरूरी है कि हम ग्राहकों से जो भी वादा करें, उसे हर हाल में पूरा करें। उन्होंने कहा कि हमारी सफलता तभी पूर्ण है, जब हमारे ग्राहक यह कहें कि बीएचईएल ने कोई कमीटमेंट किया है, तो वह जरूर पूरा होगा।

भेल वर्षों तक थर्मल सेटों की आपूर्ति पर निर्भर था
इस मौके पर राजीव सिंह ने कहा कि भेल वर्षों तक थर्मल सेटों की आपूर्ति पर निर्भर था और कई प्रयासों के बावजूद हम थर्मल से अपनी आत्मनिर्भरता से मुक्त नहीं हो पाए थे। लेकिन डॉ. सिंघल के नेतृत्व में पहली बार भेल ने अपने उत्पादों में विविधता लाते हुए नए क्षेत्रों में न सिर्फ प्रवेश किया, बल्कि अत्यंत कम समय में वहां अपनी साख भी स्थापित की। अंत में अविनाश चन्द्रा, महाप्रबंधक (मा.सं. एवं एलजीएक्स) ने डॉ. सिंघल के नेतृत्व और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। डॉ. सिंघल ने कारखाने के विभिन्न ब्लॉकों तथा कस्तूरबा अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और कर्मचारियों से मुलाकात की।

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