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नि:स्वार्थ प्रेम से बढकऱ दुनिया में और कुछ भी नहीं है

There is nothing in the world greater than selfless love
There is nothing in the world greater than selfless love

There is nothing in the world greater than selfless love

भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में जया किशोरी ने बताया
There is nothing in the world greater than selfless love भोपाल. राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन मोटिवेशनल स्पीकर और भगवताचार्य जया किशोरी ने कथा की शुरुआत में श्रद्धालुओं से कहा कि जब तक आप अपने भगवान की इज्जत नहीं करोगे तो दूसरा और कोई नहीं करेगा। आप अपने भगवान की लीलाओं का मजाक उड़ाते हैं, गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं। जया किशोरी ने कहा कि मनुष्य का स्तर इतना गिर गया है कि जब संकट आता है तो भगवान याद आते हैं और जब सब ठीक चल रहा होता है तो मजाक उड़ाते हैं।

There is nothing in the world greater than selfless love
भगवत कथा का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि भगवान पांच वर्ष तक गोकुल में रहने के बाद वृंदावन चले जाते हैं। इस दौरान राजा परीक्षित को सुकदेव जी ने रासलीला को संक्षिप्त में सुनाते हैं। बताया कि जब भक्त भगवान में लीन हो जाते हैं तब आनंद आता है। शरद पूर्णिमा की रात सुंदर-संदर गोपियोंं के साथ नृत्य करते हैं। यहां भी काम देव युद्ध करते हैं पर हार जाते हैं। रासलीला में बताया कि यहां काम नहीं, प्रेम है। कथा में जया किशोरी ने बताया कि भगवान ने 24 अवतार लिए पर हर अवतार का उद्देश्य अलग-अलग रहा।

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आगे की कथा में कंस वध की कथा सुनाते हुए बताया कि कंस के बुलावे पर भगवान मथुरा जाने के लिए निकलते हैं तो रास्ते में गोपियां दूर तक लेटी हुई हैं। और कहती हैं कि जाना ही है तो रथ हमारे ऊपर से लेकर जाओ। आगे राधा बैठी हुई हैं भगवान उन्हें समझाते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। इसके बाद भगवान मथुरा पहुंचकर कंस का वध करते हैं।

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आगे की कथा मेंं बताया कि भगवान पढऩे जाते हैं तो गुरु माता लकड़ी लाने के लिए उन्हें जंगल भेजती हैं और भोजन के लिए भुने हुए चने देती हैं जिसे सुदामा जी खा लेते हैं। यह सब गुरुदेव देख रहे होते हैं और कहते हैं कि सुदामा ने अपने जीवन में दरिद्रता ला ली है। उद्धव प्रसंग सुनाते हुए बताया कि नि:स्वार्थ प्रेम से बढकऱ दुनिया में कुछ भी नहीं है। रक्मणी प्रसंग की कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान रुक्मणी को भगा ले जाते हैं। इसके बाद बारता आती है धूम-धाम से भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी का विवाह होता है। इसके बाद भगवान मथुरा से द्वारका जाते हैं और वहां अपनी राजधानी बनाते हैं।

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कथा में मुख्य यजमान शुभावती-हीरा प्रसाद यादव और निशा-सुनील यादव हैं। शुक्रवार को कथा सुनने डाली-आलोक शर्मा, प्रभात झा, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक कृष्णा गौर, कांगे्रस नेता जेपी धनोपिया, सुशील अग्रवाल (सेज गु्रप) मेला प्राधिकरण अध्यक्ष माखन सिंह, ठकराल कॉलेज के मालिक प्रवीण ठकराल, आईएस कॉलेज के मालिक बीएस यादव, वृंदावन गार्डन के मालिक हरीश पंसारिया, हाउसिंग गोर्ड के चेयरमैन आशुतोष तिवारी, बोरास नगर पालिका अध्यक्ष सीमा राजपूत, सुरजीत सिंह चौहान, भाजपा मीडिया प्रभारी नेहा बग्गा, पंडित विष्णु राजौरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा सीमा सिंह, पार्षद बी शक्ति राव, मधु शिवनानी रहीं। इस दौरान मेला समिति के राजेंद्र सिंह यादव, मेला संयोजक अंजली विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, वीरेंद्र तिवारी, मो. जाहिद खान, मधु भवनानी, सुनील शाह, देवेंद्र चौकसे, शैलेंद्र सिंह जाट, दीपक शर्मा, अखिलेश नागर, महेंद्र नामदेव, सुनील वैष्णव, गोपाल शर्मा, दीपक बैरागी, सुमित रघुवंशी, विनय सिंह, गौरव जैन, चंदन वर्मा, इंद्रजीत, रेहान खान, केश कुमार शाह, सहित बड़ी संख्या मेंं श्रद्धालु मौजूद रहे। आज की कथा दोपहर 1 बजे से की जाएगी।

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