अध्यात्म मध्य प्रदेश

श्री रंगम के त्रिदंडी स्वामी वराह महादेसिकन पहुंचे भोपाल, आचार्यों ने की अगवानी

Swami Varah Mahadesikan of Shri Rangam reached Bhopal, received by Acharyas

पंच द्वारिका विजय यात्रा के दौरान रामानुज संप्रदाय (निगमान्त महादेशिकन) सनातन धर्म का प्रचार करने देश भर में कर रहे भ्रमण
– 8 फरवरी को मुंबई से की थी यात्रा की शुरुआत, अहमदाबाद, नाथदारा, पुस्कर, जीरापुर होते हुए गुरुवार शाम पहुंचे भोपाल

Swami Varah Mahadesikan of Shri Rangam reached Bhopal, received by Acharyas:भोपाल. श्री रंगम अंडवन के त्रिदंडी स्वामी वराह महादेसिकन अपनी पंच द्वारिका यात्रा के तहत गुरुवार को राजधानी भोपाल के भेल स्थित बालाजी मंदिर पहुंचे। यहां मुख्य पुजारी आचार्य वरद विष्णु, उपाचार्य सतीश गौतम, बालाजी भक्त मंडली और गोविंदपुरा भजन मंडली ने अगवानी करते हुए स्वामी जी का सम्मान किया। यहां स्वामी जी ने भगवान बालाजी के दर्शन-पूजन कर प्रवचन दिए। विगत 8 फरवरी को स्वामी जी ने मुंबई से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। इसके बाद अहमदाबाद, नाथदारा, पुस्कर, जीरापुर होते हुए गुरुवार शाम भोपाल पहुंचे।
Swami Varah Mahadesikan of Shri Rangam reached Bhopal, received by Acharyas

त्रिदंडी स्वामी वराह महादेसिकन यहां 26 फरवरी तक सुबह-शाम राजभोग, भालभोग, प्रवचन के साथ ही भक्तों को दीक्षा दी जाएगी। बता दें कि रामानुज संप्रदाय (निगमान्त महादेशिकन) सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने श्री रंगम अंडवन के त्रिदंडी स्वामी वराह महादेसिकन देश भर में भ्रमण कर रहे हैं। इसी तारतम्य में स्वामी जी पहली बार राजधानी भोपाल के भेल स्थित बालाजी मंदिर में तीन दिवसीय प्रवास पर आए। यहां से स्वामी जी नागपुर और वहां से हैदराबाद के प्रवास पर रहेंगे।
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आश्रमों में नि:शुल्क कराया जाता है वेदअध्यन
श्री रंगम के अंडवन स्वामी वराह महादेसिकन का आश्रम रामेश्वर के पास तिरुपुल्लाड़ी, मदुरै, कुंभकोनम, चेन्नई, कांचीपुरम, बेंगलूरु, हैदराबाद, मथुरा, दिल्ली, ऋषिकेश, मुंबई (पश्चिम तिरुपति) में स्थित हैं। इन सभी आश्रमों में सुबह-शाम राजभोग, भालभोग के साथ ही यहां स्थापित वेदशाला में बच्चों को नि:शुल्क वेद अध्यन कराया जाता है। यहां बच्चों को वेद, शास्त्र, पुराण, इतिहास आदि का अध्ययन कराया जाता है। वहीं अंडमन आर्ट एंड साइंस कॉलेज में गरीब बच्चों को नि:शुल्क अध्ययन कराया जाता है। इस कॉलेज का शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने किया था। स्वामी जी के इन आश्रमों में रोजाना करीब पांच हजार से ज्यादा लोगों को नि:शुल्क भोजन कराया जाता है।

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