मध्य प्रदेश

SPS के आठ अफसरों के IPS बनने में देरी पर देरी

भोपाल
राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के आठ अफसरों के आईपीएस बनने में देरी पर देरी होती जा रही है। आमतौर पर मई-जून तक भरे जाने वाले इन पदों में इस बार आज तक निर्णय नहीं हो सका है। एमएचए ने तीन अफसरों के सर्विस रिकॉर्ड को लेकर फिर से जानकारी तलब की है। अब यह फाईल पुलिस मुख्यालय में फिलहाल अटक गई है। अब जो प्रक्रिया होगी उसमें भी एक से दो महीने लग सकते हैं। यानी ये अफसर अब साल के अंतिम महीनों में ही आईपीएस हो सकेंगे।

एसपीएस से आईपीसी बने अफसरों के वर्ष 2018 में खाली हुए पदों को भरने के लिए इस वर्ष आठ अफसरों को आईपीएस अवार्ड होना है। जिसके लिए वरिष्ठता सूची में तीन अफसरों के सर्विस रिकॉर्ड के नाम पर अब देरी हो रही है। वर्ष 1995 बैच के अफसर अनिल मिश्रा दुष्कर्म के मामले में उलझे हुए हैं। वहीं इसी बैच के सुशील रंजन सिंह और देवेंद्र सिरोलिया भी कुछ समय पूर्व तक विभिन्न मामलों में जांच के दायरे में थे। यह साफ है कि अनिल मिश्रा को इस वर्ष भी आईपीएस अवार्ड नहीं होगा। जबकि सुशील रंजन सिंह और देवेंद्र सिरोलिया को लेकर पहले संशय था, लेकिन अब उनको आईपीएस अवार्ड होना तय माना जा रहा है।

वहीं सुशील रंजन सिंह के सभी मामले क्लियर हो चुके हैं। इसके बाद उन्हें इसी वर्ष डीएसपी से एएसपी के पद पर पदोन्नत किया गया। वे अब आईपीएस बनने की लिस्ट में सबसे ऊपर आ गए हैं। प्रदेश में एएसपी का पद बनने के बाद संभवता वे पहले अफसर होंगे जो राज्य पुलिस सेवा से एएसपी बनने के चंद महीनों में आईपीएस बनेंगे। वहीं देवेंद्र सिलोलिया के भी सभी मामले क्लियर हो गए हैं। इन दोनों अफसरों को लेकर एमएचए ने फिर से जानकारी तलब की है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को इनकी जांच से संबंधित जानकारी केंद्र को भेजना है।

सुशील रंजन सिंह, देवेंद्र सिलोलिया, संजय सिंह, आलोक कुमार, रघुवंश कुमार सिंह, विकास पाठक, श्रद्धा तिवारी, वैष्णव शर्मा, आईपीएस बन सकते हैं। ये सभी अफसर 1995 बैच के हैं। आठ अफसरों को आईपीएस अवार्ड की डीपीसी के लिए 24 अफसरों के नाम एमएचए को भेजे जा चुके हैं।

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