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सीता-राम कीर्तन से नहीं होती हार्ट की समस्या: जगदगुुरु रामभद्राचार्य महाराज

Sita-Ram Kirtan does not cause heart problems: Rambhadracharya Maharaj
Sita-Ram Kirtan does not cause heart problems: Rambhadracharya Maharaj

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भेल दशहरा मैदान पर जगदगुुरु रामभद्राचार्य महाराज 31 जनवरी तक सुनाएंगे श्रीराम कथा
Sita-Ram Kirtan does not cause heart problems: Rambhadracharya Maharaj: भोपाल. राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीराम कथा में Rambhadracharya Maharaj जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि जो सीता-राम की कीर्तन करता है उसे हार्ट की समस्या नहीं होती। यह विज्ञान में परीक्षण हो चुका है। महाराज ने कहा कि बच्चों पर कभी चिढऩा नहीं चाहिए। जो बच्चों से चिढ़ता है उसे कभी भी भगवान नहीं मिलता, क्योंकि भगवान का रूप ही बालक का है। Rambhadracharya Maharaj रामभद्राचार्य महाराज ने अपनी 1361वीं कथा के चतुर्थ और पंचम दिवस की कथा में बताया कि चंद्रमा की 16 कलाएं हैं जो शुक्ल पक्ष में चंद्रमा को मिलती हैं।

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रामजन्म की कथा सुनाते हुए अवध नगरिया में उअली अंजोरिया बरसल सुधा चहुंओर हो ललचाइल जियरा जैसी सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। आगे की कथा में बताया कि सती जी ने राम जी का 16 अपमान किया था। वहीं पावर्ती जी को रामजी ने 16 कलाओं का बरदान दिया था। Rambhadracharya Maharaj महाराज ने कहा कि भगवान राम का अनुशरण और अनुकरण करना चाहिए। विद्यार्थियों को सीख देते हुए कहा कि कोई भी बालक जो सूर्योदय के पहले उठ जाता है। माता-पिता और गुरु को प्रणाम करता है, वह कठिन से कठिन कम्पटीशन पास कर सकता है, यह मेरा आर्शीवचन है।

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इतना अच्छा काम करो कि आपका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाए
Rambhadracharya Maharaj रामभद्राचार्य महाराज ने खुद का उदाहरण देते हुए बताया कि जन्म के दो महीने बाद मेरी दोनों ऑखें चली गई थीं। लेकिन मैने इतना परिश्रम किया कि अभिशाप को वरदान में बदल दिया। इतना अच्छा काम करो कि आपका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाए। आज प्रधानमंत्री मोदी भी मेरी उपस्थिति के बिना शपथ नहीं लेते। Rambhadracharya Maharaj महाराज ने कहा कि आंखें नहीं होने से एक बार मुझे परिवार के निजी कार्यक्रम में नहीं ले जाया गया, पर आज बड़े से बड़े कार्यक्रम का शुभारंभ मैं ही करता हूं।

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संसार मेंं भाग्य बनाने का काम सिर्फ गुरु करता है
Rambhadracharya Maharaj महाराज ने कहा कि संसार मेंं भाग्य बनाने का काम सिर्फ गुरु करता है। गुरुदेव की कृपा माटी को सोना बना सकती है। माता-पिता का स्वार्थ होता है पर गुरु का कोई स्वार्थ नहीं होता। इस मौके पर भगवान भोलनाथ के हनुमान जी बनने की कथा सुनाते हुए बताया कि महादेव महावीर बन गए। महाराज ने बताया कि शिवजी क्यों वानर बनना चाहते हैं। Rambhadracharya Maharaj रामभद्राचार्य महाराज ने आगे की कथा में हनुमान जी की उत्पत्ति और राम जी का जन्म और चारो भाइयों के नामकरण की कथा सुनाई।

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भारतीय संविधान के पहली प्रति पर पहला चित्र सीता-राम का है
वहीं पांचवे दिन की कथा में गणतंत्र दिवस का महत्व बताते हुए Rambhadracharya Maharaj कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। महाराज ने बताया कि भारतीय संविधान के पहली प्रति के पहले पृष्ट पर पहला चित्र सीता-राम का है। महाराज ने बताया कि भारतीय संविधान भारतीय लोकतंत्र का मंदिर है।Rambhadracharya Maharaj उन्होंने कहा कि भगवान रामचंद्र का चरित्र कभी भी लोकतंत्र के विरुद्ध नहीं रहा।

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संत के अनुशासन के बिना सत्ता शासन नहीं कर सकती
Rambhadracharya Maharaj कथा में नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीति में संत हस्तक्षेप नहीं करेंगे तो क्या गुंडे बदमाश करेंगे। संत के अनुशासन के बिना सत्ता शासन नहीं कर सकती। सत्ता शासन तब करेबी जब संत का अनुशासन होगा। इस दौरान भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लेकर कहा कि वह जब छोटी सी थी तो उसे आतंकवाद में फंसा दिया गया। उस समय उसके गुरु भी पीछे हट गए, जिससे दीक्षा ली थी। Rambhadracharya Maharaj उन्होंने कहा कि हमारी शिष्या नहीं है। उसका मैने विरोध किया और कहा कि निर्दोश किशोरी पर इतना अत्याचार नहीं होना चाहिए। उस किशोरी को बहुत अधिक दंड दिया गया, जो भारतीय संविधान के अनुकूल नहीं था।

Sita-Ram Kirtan does not cause heart problems: Rambhadracharya Maharaj

तम्बाकू गुटखा से दांत भी काला होता है और भविष्य भी
Rambhadracharya Maharaj आगे की कथा में रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि भोलेनाथ पार्वती को बिना बताए रामचंद्र के दर्शन करने ज्योतिषी बनकर अयोध्या चले जाते हैं। जब यह बात पार्वती को पता चलता है तो वे भी खिलौना बेचने वाली बनकर भोलेनाथ से पहले अयोध्या पहुंच जाती हैं और वहीं पर रुककर भगवान रामचंद्र के दर्शन के साथ ही उनकी सेवा करती हैं। इस मौके पर Rambhadracharya Maharaj महाराज ने एक बार फिर कहा कि भोपाल भोजपाल बने और यहां का प्रत्येक नर-नारी स्वावलंबी बने। महाराज ने लोगों से तम्बाकू गुटखा छोडऩे की अपील करते हुए कहा कि इससे दांत भी काला होता है और भविष्य भी।

कथा में मुख्य यजमान शुभावती-हीरा प्रसाद यादव हैं। कथा में अमीता चापरा महिला वित्त विकास निगम अध्यक्ष, मध्य प्रदेश महिला प्राधिकारण के अध्यक्ष माखन सिंह, विधायक पीसी शर्मा, अशोक सैनी, राजेंद्र भदौरिया, श्रीकृष्ण मंदिर अध्यक्ष राजेंद्र सिंह यादव, विधायक प्रतिनिधि अशोक गुप्ता असाटी, मेला समिति के अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष विरेंद्र तिवारी, सुनील शाह, महेंद्र नामदेव, मो.जाहिद खान, दीपक बैरागी, देवेंद्र चौकसे, शैलेंद्र सिंह जाट, मो. रेहान खान, चंदन वर्मा, विनय सिंह, अखिलेश नागर, केश कुमार शाह, आफताब सिद्दकी, मधु भवनानी, दीपक शर्मा, गोपाल शर्मा, सुनील वैष्णव, वाहिद खान, गौरव जैन, सुभाष दरवई, गोपाल पाटीदार, सुमित रघुवंशी, तरुण गुप्ता, इंद्रजीत के साथ ही मेला टीम के सदस्य और बड़ी संख्या मेंं श्रद्धालु मौजूद रहे।

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