फैजाबाद/ लखनऊ
अयोध्या की विवादित जमीन पर अंतिम फैसले से पहले शहर के मुसलमानों ने अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। राम जन्मभूम-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसले से पहले मुस्लिमों ने प्रशासन से केंद्रीय अर्धसैन्य बलों (पैरामिलिट्री फोर्स) को तैनात करने की मांग की है। शहर के जिस हिस्से में उनकी आबादी अच्छी-खासी है वहां अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। हालांकि, मुस्लिम प्रतिनिधियों ने पुलिस और प्रशासन पर पूरा भरोसा होने की बात भी कही।
फैजाबाद प्रशासन के साथ हुई हालिया बैठक में मुस्लिम प्रतिनिधियों ने यह मांग की। जमीयत उलेमा हिंद की अयोध्या विंग के जनरल सेक्रेटरी हाफिज इरफान ने कहा, 'हमें प्रशासन पर पूरा भरोसा है और हमें उम्मीद है कि इलाके में शांति और सद्भाव को कायम रखा जाएगा। क्षेत्र में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती से समुदाय के लोग ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे।' सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई पूरी हो चुकी है और इसी महीने फैसला आने की उम्मीद है।
फैजाबाद के एसएसपी ने लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम का भरोसा दिया। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए आशीष तिवारी ने कहा, 'मुस्लिम बहुल आबादी वाले क्षेत्रों में पहले से ही पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। सिविल पुलिस के साथ सीआरपीएफ भी मुस्लिम बहुल क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं।' फैजाबाद के डीएम अनुज कुमार झा ने कहा कि हमने मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिया है कि अयोध्या में शांति किसी तरह से भंग नहीं होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बीच मंत्रियों को बयानबाजी से बचने की नसीहत दी है। सूत्रों के अनुसार, योगी ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को बयानबाजी को लेकर सख्त हिदायत जी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मंत्री ऐसा कोई बयान न दें जिससे किसी तरह का विवाद पैदा हो। अयोध्या विवाद से संबंधित फैसले पर किसी टिप्पणी से बचने की हिदायत मंत्रियों को मुख्यमंत्री ने दी है।
सूत्रों का कहना है कि फसले से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से भी लगातार बैठकें की जा रही हैं। एक जानकार सूत्र ने बताया, 'आरएसएस की ओर से लगातार कई मीटिंग की जा रही है। संघ के कार्यकर्ताओं को खास तौर पर ताकीद की गई है कि वह फैसले को लेकर कोई बयान न दें। फैसले के बाद भी किसी तरह की बयानबाजी और ऐक्शन से दूर रहने की हिदायत दी गई है। अयोध्या में दीप उत्सव के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कई स्थानी. नेताओं से मुलाकात की। सभी को खास तौर पर शांति बनाए रखने के लिए हिदायत दी गई है।'
सूत्रों का कहना है कि अयोध्या फैसले से पहले बीजेपी की भी अगले सप्ताह में कई दौर की मीटिंग हो सकती है। संभावित फैसले को लेकर पार्टी का क्या स्टैंड होगा, इसको लेकर मीटिंग में रणनीति तय की जाएगी। अगले 2-3 सप्ताह में अयोध्या पर अंतिम फैसला आने की उम्मीद की जा रही है। इसी महीने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होनेवाले हैं और वह अयोध्या केस की संविधान पीठ के सदस्य भी हैं।