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RTI में खुलासा: फाइव स्टार होटल अशोका के 12 कमरों से चलता है लोकपाल ऑफिस, 50 लाख प्रतिमाह किराया

 नई दिल्ली 
देश में भ्रष्टाचार रोकने के लिए नियुक्त लोकपाल ने एक हजार मामलों में सुनवाई की है, लेकिन किसी में भी अभी तक जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं। आरटीआई के तहत यह जानकारी सामने आई है। जवाब में बताया गया है कि 31 अक्तूबर तक लोकपाल कार्यालय को लोकसेवकों के खिलाफ 1160 शिकायतें मिलीं, जिसमें बेंच ने 1000 मामलों की सुनवाई की। इनमें से कुछ मामलों में प्रारंभिक जांच भले हुई हो लेकिन किसी को भी अभी तक गहन जांच के लिए आगे नहीं बढ़ाया गया।

आरटीआई कार्यकर्ता शुभम खत्री का कहना है कि आश्चर्य है कि लोकपाल को एक भी शिकायत जांच करने लायक नहीं लगी। इस साल मार्च में सरकार ने पूर्व न्यायाधीश पीसी घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया था। उनके अलावा लोकपाल कार्यालय में आठ पद हैं जिसके लिए चार न्यायिक और  चार गैर न्यायिक सदस्य भी नियुक्त किए गए।

किसी के भी खिलाफ जांच का अधिकार
लोकपाल को पूर्व या वर्तमान प्रधानमंत्री, सांसद, मंत्री या सरकारी अफसर के अलावा किसी बोर्ड, कार्पोरेशन, सोसायटी, ट्रस्ट या स्वायत्त संस्था के खिलाफ जांच करने का अधिकार है।

लोकायुक्त पीसी घोष ने कहा, "शिकायतों के निस्तारण और किराये के संबंध में मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा, लेकिन लोकपाल कार्यालय के लिए एक स्थायी दफ्तर पहले ही देखा जा चुका है। उसमें कुछ बदलाव कराए जा रहे हैं, जल्द ही कार्यालय होटल से वहां स्थानांतरित हो जाएगा।" 

अशोका होटल में है लोकपाल का कार्यालय
आरटीआई से यह भी पता लगा कि लोकपाल कार्यालय पांच सितारा अशोका होटल में चल रहा है। इसका हर माह का किराया 50 लाख रुपये है। सात माह में अब तक 3 करोड़ 85 लाख रुपये किराया दिया जा चुका है। होटल में यह कार्यालय दूसरी मंजिल पर 12 कमरों में संचालित हो रहा है।

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