मुंबई
पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक इन दिनों फाइनैंशल फ्रॉड के कारण सुर्खियों में है। इस बैंक फ्रॉड के असली गुनहगार माने जा रहे पिता और बेटे की जोड़ी राके और सारंग (सन्नी) वाधवान कांग्रेस-एनसीपी सरकार के दौर में प्रदेश के सबसे ताकतवर बिल्डर थे। पिता बेटे की जोड़ी का बिजनस के साथ राजनीतिक गलियारों में भी खासी पहुंच थी।
राजनीतिक गलियारों में इस जोड़ी की होती थी चर्चा
2003 के दौर में जब मार्केट तेजी से बढ़ रहा था उस दौर में वाधवान परिवार ने भी तेजी से तरक्की की सीढ़ी चढ़नी शुरू कर दी। राजनीतिक गलियारों में खास तौर पर कई मुख्यमंत्रियों के साथ इनकी नजदीकी के चर्चे थे। मुख्यमंत्रियों के साथ ही इनकी नजदीकी खास तौर पर 2 पश्चिमी सब-अर्ब से आनेवाले कांग्रेस विधायकों के साथ नजदीकी की भी चर्चा होती थी।
पीएमसी बैंक फ्रॉड इस बार चुनाव में छाया रहेगा
प्रवर्तन निदेशालय ने 6 लोकेशन पर छापेमारी की और मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दायर किया है। एक डिवेलपर ने इनकी धाक का जिक्र करते हुए कहा, 'ये लोग उन चुनिंदा बिल्डर्स में से थे जो अपने साथ बंदूक से लैस सिक्यॉरिटी लेकर चलते थे। इंडस्ट्री में इन्हें अपने प्रतिस्पर्धियों को लेकर बहुत खतरा महसूस होता था। एक ऐसा भी दौर था जब लोग दबी जुबान में कहते थे कि हाउसिंग पॉलिसी में खास तौर पर एचडीआईएल को फायदा पहुंचाया जा रहा है। मुंबई में खास तौर पर जब व्यापक स्तर पर होनेवाले स्लम रीडिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट को किनारा किया गया तब यह चर्चा काफी होती थी। '
2007 में कंपनी को मिला था सबसे बड़ा प्रॉजेक्ट
इस कंपनी को सबसे बड़ा प्रॉजेक्ट 2007 में मिला था जब शहर के एयरपोर्ट के बाहर बनी झुग्गियों के पुननिर्माण का प्रॉजेक्ट इन्हें दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रॉजेक्ट के लिए बिल्डर्स को 2,000 करोड़ की रकम ट्रांसफर डिवेलपमेंट राइट्स (टीडीआर) के तहत दी गई। हालांकि, अभी तक एयरपोर्ट के पास के इलाके में झुग्गियों को हटाया नहीं जा सका और एयरपोर्ट की जमीन पर अतिक्रमण जारी है।
दिल्ली में मुंबई पहुंचा वाधवान परिवार, फोर्ब्स में बनाई जगह
इंडस्ट्री के पुराने जानकारों का कहना है कि 50 के दशक में वाधवान फैमिली दिल्ली से मुंबई आई थी। 80 के दौर में वसई और विरार इलाके में इस परिवार ने कंस्ट्रक्शन और जमीनों के लेन-देन का काम शुरू किया। इस इलाके में उस दौर में गैंगस्टर भाई ठाकुर का राज चलता था। 2010 में फोर्ब्स ने राकेश वाधवान और परिवार को 1 बिलियन से ज्यादा की संपत्तिवाले भारतीयों की लिस्ट में शामिल किया था। वाधवान परिवार ने अपने बिजनस का बंटवारा कर लिया। राकेश और उनके बेटे सन्नी के पास ही एचडीआईएल रहा जबकि राकेश के भतीजों कपिल और धीरज को दीवान हाउसिंग फाइनैंस मिला।
सन्नी और अनु की लाइफस्टाइल की होती थी चर्चा
सन्नी और उनकी पत्नी अनु की चर्चा बी-टाउन में अपने हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल के कारण भी थी। सिलेब्रिटी मैगजींस में अक्सर ही दोनों की पावर कपल और ग्लैमरस कपल के तौर पर तस्वीरें छपती थीं। राकेश ने एक बार हमारे संवाददता को बताया भी था कि सन्नी की दीवानगी रेस के घोड़ों को लेकर है। अक्सर उसे महालक्ष्मी रेसकोर्स में भी देखा जाता था।