नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह विमान जिसमें वे यात्रा करते हैं, उसे अब एयरफोर्स के पायलट उड़ाएंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब इस विमान को एयर इंडिया के पायलट नहीं उड़ाएंगे. भारत के पास अगले साल जुलाई में दो कस्टमाइज्ड बी-777 प्लेन आएंगे. अभी बी-747 हैं, जिसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति यात्रा करते हैं. अब नए दो बी-777 विमानों को अगले साल जुलाई से एयरफोर्स के पायलट उड़ाएंगे. साथ ही इस विमान में नई मिसाइलें लगी होंगी जो आपातकाल की स्थिति में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे सके.
अगले साल जुलाई तक अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग दो नए बी-777 विमान भारत पहुंचाएगा. इन्हें सिर्फ एयरफोर्स के पायलट ही उड़ाएंगे. इनको एयरइंडिया-वन कहा जाएगा. एयरफोर्स के 4 से 6 पायलटों को एयर इंडिया पहले ही बी-777 उड़ाने की ट्रेनिंग दे चुकी है. इनके अलावा कुछ और पायलटों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें भी सिर्फ राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ही उड़ेंगे.
इंफ्रारेड काउंटर मिसाइल सिस्टम लगा होगा बी-777 में
इन दोनों बी-777 विमानों में स्टेस-ऑफ-द-आर्ट मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगा होगा. इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नाम है लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (LAIRCM). इसके अलावा इसमें सेल्फ प्रोटेक्शन सूट्स (SPS) भी होंगे. इन दोनों डिफेंस सिस्टम की कीमत करीब 1349 करोड़ के आसपास है. यही दोनों सुरक्षा प्रणालियां अमेरिकी राष्ट्रपति के एयरफोर्स वन में भी लगे हुए हैं.
ये सुरक्षा उपाय भी होंगे दोनों विमानों में…
12 गार्जियन लेजर ट्रांसमिटर एसेंबलीज. 6 इंस्टॉल होंगे और 6 स्पेयर में रहेंगे
8 LAIRCM आएंगे. दो विमानों में एक-एक लगेंगे, 6 स्पेयर में रहेंगे.
23 मिसाइल वॉर्निंग सेंसर्स. 12 इंस्टॉल होंगे और 11 स्पेयर में रहेंगे.
5 काउंटर मेजर्स डिसपेंसिंग सिस्टम. 2 इंस्टॉल होंगे और 3 स्पेयर में रहेंगे.
एयर इंडिया वन की रक्षा प्रणाली कैसे करेगी काम?
जैसे ही विमान पर किसी तरह के मिसाइल या ग्रेनेड अटैक होगा. इसके सारे सिस्टम ऑटोमैटिकली ऑन हो जाएंगे. सेंसर्स तत्काल अलार्म बजा देंगे और मिसाइल सिस्टम से मिसाइल निकल कर बाहर से आने वाली मिसाइल को प्लेन से दूर ही उड़ा देगी. इसके बाद पायलट को यह सूचना भी मिलेगी कि दुश्मन का मिसाइल ध्वस्त हुआ या नहीं.