लखनऊ
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले में तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता और पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्र की गिरफ्तारी के बाद आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अपनी जांच तेज कर दी है.
ईओडब्ल्यू ने बुधवार को सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को 3 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. अब कस्टडी रिमांड पर लेकर ईओडब्ल्यू दोनों से पूछताछ शुरू करेगी.
पूर्व एमडी एपी मिश्रा भी कोर्ट में पेश
पुलिस ने पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को भी कोर्ट में पेश किया. ईओडब्ल्यू घोटाले की तह तक जाने के लिए पूर्व एमडी एपी मिश्रा से दोनों अन्य आरोपितों का सामना कराने की भी तैयारी की जा रही है.
पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्र की गिरफ्तारी के बाद डीजी ईओडब्ल्यू आरपी सिंह ने कहा कि पीएनबी हाउसिंग में भी भविष्य निधि की रकम नियम विरुद्ध निवेश की गई थी. उन्होंने दावा किया कि पूर्व एमडी एपी मिश्र के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं. सरकार घोटालों और भ्रष्टाचार में छोटे अफसरों पर तो कार्रवाई कर रही है, लेकिन आइएएस अफसरों पर हाथ डालने से बच रही है.
डीएचएफसीएल में नियमों का उल्लंघन
जानकारी के मुताबिक बिजली विभाग में जिन अधिकारियों पर इंजीनियरों व कर्मचारियों के सामान्य व अंशदायी भविष्य निधि की रकम को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने इस निधि के 4122.70 करोड़ रुपये को असुरक्षित निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में नियमों का उल्लंघन करके लगा दिया. मुंबई हाईकोर्ट द्वारा डीएचएफसीएल के भुगतान करने पर रोक लगाने के बाद बिजली कर्मियों के भविष्य निधि का 2267. 90 करोड़ रुपये (मूलधन) फंस गया है.