मध्य प्रदेश राजनीति

पंच क्रांति के जरिए प्रदेश सरकार करेगी समाज के सभी वर्गों का कल्याण: सीएम

Panchkranti government will do welfare of all classes: CM

मुख्यमंत्री चौहान ग्वालियर में अंबेडकर महाकुंभ में हुए शामिल

Panchkranti government will do welfare of all classes: CM: भोपाल. हम प्रदेश के विकास और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए ‘पंच क्रांति’ की बात करने आए हैं। पंच क्रांति में शिक्षा की क्रांति, रोजगार की क्रांति, आवास अर्थात रहने के लिए जमीन की क्रांति और सभी वर्गों के सम्मान की क्रांति शामिल है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में ‘अम्बेडकर महाकुंभ’ में कही। ग्वालियर में बाबा साहब आम्बेडकर धाम और संस्थान स्थापित करने के लिए स्थल उपलब्ध कराने और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के उद्देश्य से समस्त पिछड़ी उप जातियों के अलग-अलग बोर्ड बनाने की घोषणाएं कीं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि शिक्षित रहोगे तो आगे बढ़ोगे। इसी भाव के साथ प्रदेश सरकार ने शिक्षा की क्रांति के तहत श्रमोदय विद्यालय और ज्ञानोदय जैसे विद्यालय खोले हैं। छात्रावासों की स्थापना की है। यदि किसी बच्चे को छात्रावास उपलब्ध नहीं हो पाता तो कमरे का किराया भी सरकार भर रही है। मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों और विदेश में पढ़ाई की फीस भी सरकार भर रही है। प्रदेश में अब हिंदी में भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की गई है। कायाकल्प अभियान में छात्रावासों की व्यवस्था बेहतर की जा रही है।

रोजगार की क्रांति
चौहान ने कहा कि प्रदेश में दूसरी क्रांति रोजगार की क्रांति के रूप में चल रही है। प्रदेश में एक लाख 24 हजार पदों पर शासकीय भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को संत रविदास स्व-रोजगार योजना में एक लाख से 50 लाख एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना में 10 हजार से एक लाख रुपए तक का ऋण-अनुदान उपलब्ध करा रही है। पढ़े-लिखे बच्चों को अलग-अलग औद्योगिक सेक्टर का काम सिखाने के साथ-साथ हर बच्चे को 8 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय भी दे रही है।

आवास अर्थात रहने के लिए जमीन की क्रांति
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में तीसरी क्रांति आवास अर्थात रहने के लिए जमीन की क्रांति है। गरीब व्यक्ति के लिए रहने के लिए भूमि और आवास की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना में सरकार द्वारा हर गरीब परिवार को रहने के लिए भूखंड का पट्टा दिया जा रहा है।

प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण की क्रांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बहनों का सशक्तिकरण चौथी क्रांति है। लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, संबल योजना, पंचायत निर्वाचन में महिलाओं को आरक्षण, शिक्षकों और पुलिस की भर्ती में आरक्षण, रजिस्ट्री स्टांप शुल्क में छूट और अब लाड़ली बहना योजना से बहनों की जिंदगी में व्यापक बदलाव आया है। समाज में उनका सम्मान बढ़ा है और वे सशक्त और आत्मनिर्भर हो रही हैं। लाड़ली बहना योजना में आगामी 10 जून से बहनों के खाते में एक हजार रुपए पहुंचाए जाएंगे।

सम्मान की क्रांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पाँचवीं क्रांति सब के सम्मान की क्रांति है। प्रदेश में समाज के हर वर्ग के सम्मान और प्रगति के लिए सामाजिक क्रांति चल रही है। उन्होंने घोषणा की कि समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए समस्त पिछड़ी उप जातियों के बोर्ड बनाए जाएंगे। हर बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य नियुक्त होंगे, जो अपने-अपने समाज की समस्याओं का पता लगाकर बताएंगे। इस आधार पर सभी वर्गों के कल्याण के लिए नई योजनाएं बनाई जाएंंगी। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों का कल्याण और सामाजिक समरसता हमारे विकास का मूल मंत्र है।

बाबा साहब के जीवन से जुडे स्थानों का पंच-तीर्थ के रूप में विकास
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जन्म-स्थान, शिक्षा-स्थली, संविधान निर्माण-स्थल, दीक्षा-स्थल और अंतिम संस्कार स्थल को पंच-तीर्थ के रूप में विकसित कर रही है। साथ ही इन सभी को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में भी शामिल किया गया है। महू में बाबा साहब के अनुयायियों को सुविधाएं देने के लिए साढ़े तीन एकड़ भूमि पर धर्मशाला का निर्माण कराया जाएगा। इन सब कार्यों का उद्देश्य है कि हम बाबा साहब के जीवन और जन-कल्याण के कार्यों को याद रखें और उनके बताए आदर्शों पर चलकर अपने जीवन को धन्य करें।

100 करोड़ की लागत से संत रविदास जी के भव्य मंदिर का होगा निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सागर में 100 करोड़ रुपए की लागत से संत रविदास मंदिर बनाने का निर्णय लिया है। मंदिर में संत शिरोमणि रविदास के जीवन चरित्र को रेखांकित किया जाएगा, जिससे हम सभी प्रेरणा प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि संत रविदास के मंदिर के निर्माण के लिए हर गांव में ईंट का पूजन करें और यात्राएं निकालकर इन ईंटों को सागर में मंदिर स्थल पर भेजें।

 

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