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NRC से किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को डरने की जरूरत नहीं: अमित शाह

 नई दिल्ली 
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी से किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है, आपको कोई बाहर नहीं कर सकता। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकार विशेष व्यवस्था करेगी क्योंकि विपक्ष ने उनमें भय फैलाया है। हालांकि, उन्होंने फिर कहा कि जो घुसपैठिए हैं उन्हें भारत से जाना पड़ेगा। गृहमंत्री की तरफ से यह बयान तब आया है जब देश भर में कई जगह पर मुसलमान नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान शाह ने कहा, "एनआरसी में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और जो कोई भी एनआरसी के तहत इस देश का नागरिक नहीं पाया जाएगा, सबको निकालकर देश से बाहर किया जाएगा। एनआरसी सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं है।"

गृहमंत्री ने कहा, "कांग्रेस नागरिकता कानून पर लोगों को गुमराह कर रही है। देश में अफवाह और अशांति फैलाने से पहले उसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल के 25 नवंबर, 1947 की कांग्रेस कार्यकारिणी में प्रस्ताव को पढ़ना और सुनना चाहिए।"

कांग्रेस कार्यकारिणी ने संकल्प अंगीकार किया और कहा कि वह पाकिस्तान के उन सभी गैर मुस्लिमों को पूर्ण सुरक्षा देने के लिए बाध्य है जो अपने जीवन और सम्मान की रक्षा करने के लिए सीमा पार कर भारत आए हैं या आने वाले हैं।

गृहमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार ने पांच साल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान समेत दूसरे देश से आए 600 प्रताड़ित मुसलमानों को नागरिकता दी है। दुनिया के किसी भी देश में हिंदू निकाला जाएगा तो कहां जाएगा, यहीं आएगा। यही वजह है कि 1971 में इंदिरा गांधी ने सामूहिक नागरिकता दी थी।"

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