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NRC: बाहर हुए पात्र लोगों को कानूनी मदद देगी सरकार

गुवाहाटी
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची जारी होने के बाद तमाम संगठनों द्वारा शुरू हुए विरोध पर असम सरकार ने कहा है कि वह राज्य में एनआरसी की लिस्ट से बाहर हुए पात्र लोगों को विधायी मदद देगी। सरकार के संसदीय कार्यमत्री चंद्र मोहन पटवारी ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा है कि वह पात्र लोग जो कि किसी कारण वश एनआरसी की लिस्ट में अपना शामिल नहीं करा सके हैं, उसके पास फॉरेन ट्राइब्यूनल में अपील का अधिकार है और इसके लिए सरकार उन्हें लीगल सपॉर्ट भी उपलब्ध कराएगी।

पटवारी ने कहा कि ऐसा जरूर है कि कई वास्तविक भारतीय एनआरसी में छूट गए है। हालांकि उन्हें घबराने और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। वे फॉरेन ट्राइब्यूनल (एफटी) में अपील कर सकते हैं। अगर वास्तविक रूप से पात्र भारतीयों को न्यायाधिकरण में अपील करने में मदद की जरूरत होगी तो सरकार उनकी मदद करने के लिए तैयार है। असम सरकार के प्रवक्ता पटवारी ने कहा, 'हमने राज्य में फॉरेन ट्राइब्यूनल की संख्या 100 से बढ़ाकर 300 की है। सरकार द्वारा स्थापित अतिरिक्त फॉरेन ट्राइब्यूनल सोमवार से अपना काम करने लगेंगे, जिससे कि लोगों को यहां से मदद मिल सके।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी हुई प्रक्रिया
इसके अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के उन आरोपों जिसमें कहा गया था कि सरकार की निष्क्रियता के कारण कई लोग एनआरसी से छूट गए, मंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय की सीधी निगरानी में पूरी की गई थी। उन्होंने कहा, 'इस पूरी कवायद में हमारी भूमिका साजो सामान उपलब्ध कराने की थी। हमारी कोई अन्य भूमिका नहीं थी। यहां तक कि एनआरसी के राज्य समन्वयक सीधे उच्चतम न्यायालय को रिपोर्ट कर रहे थे और हमारे साथ कोई जानकारी साझा नहीं की गई थी।'

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