राजनीति

NRC से BJP नेता भी नाखुश, कहा- यह अंतिम लिस्ट नहीं, बहुत कुछ आना बाकी

नई दिल्ली

    एनआरसी पर BJP नेता हेमंत बिस्वा शर्मा ने जताई आशंकाशर्मा ने कहा- मैंने एनआरसी को लेकर सभी उम्मीदें खो दी हैंहेमंत ने कहा- अंतिम सूची नहीं, बहुत कुछ आना बाकी है

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची आने के बाद विपक्ष ही नहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता भी एनआरसी से खुश नहीं हैं. BJP नेता और असम सरकार में वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने एनआरसी में हेराफेरी की आशंका जताई है.

शर्मा ने कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सारी उम्मीदें छोड़ चुके हैं क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर करने के नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. अंतिम एनआरसी सूची जारी होने से पहले शर्मा ने कहा, 'मैंने एनआरसी को लेकर सभी उम्मीदें खो दी हैं. मैं बस चाहता हूं कि दिन बिना किसी बुरी घटना के शांति से गुजर जाए.'

मंत्री ने आगे कहा, 'दिल्ली और असम सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. मुझे नहीं लगता कि यह अंतिम सूची है, अभी और भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है.'

साथ ही शर्मा ने एनआरसी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आए कई शरणार्थियों को एनआरसी सूची से बाहर निकाला गया है. शर्मा के मुताबिक कई लोगों का आरोप है कि आरोप है कि विरासत संबंधी आंकड़ों से छेड़छाड़ की गई है.

इसी के साथ हेमंत बिस्वा शर्मा ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट को असम के बॉर्डर पर स्थित जिलों में कम से कम 20 फीसदी और शेष असम में 10 फीसदी के पुन: सत्यापन की अनुमति देनी चाहिए.

एनआरसी से कांग्रेस भी असहमत

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि एनआरसी की मौजूदा स्थिति से राज्य का हर वर्ग नाराज है और देश के वास्तविक नागरिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. एनआरसी की अंतिम सूची आने के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर इस मुद्दे को लेकर बैठक हुई जिसमें पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेता शामिल हुए.

बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश के वास्तविक नागरिकों के हितों की रक्षा होनी चाहिए. लोकसभा में पार्टी के नेता चौधरी ने कहा, ''देश के वास्तविक नागरिकों के हितों की सुरक्षा होनी चाहिए और उन्हें एनआरसी में शामिल किया जाना चाहिए.

असम से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई ने कहा, 'असम का हर वर्ग एनआरसी की स्थिति से नाराज है. भाजपा के मंत्री शिकायत कर रहे हैं. लापरवाही से क्रियान्वयन के कारण भारत के बहुत सारे वास्तविक नागरिकों को भी अदालतों का सामना करना होगा. कांग्रेस सबकी मदद करेगी. राजनीति से ऊपर देश हमारा लक्ष्य है.'

पूर्वोत्तर से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल संगमा ने कहा, 'जैसा कि आप सभी जानते हैं कि एनआरसी असम करार के तहत किया जा रहा काम है. हमारी पार्टी का रुख एकदम स्पष्ट है कि वास्तविक भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा होनी चाहिए.'

गौरतलब है कि असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई. इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है. एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची में 3.11 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है.

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