भोपाल
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड आफ ब्यूरो द्वारा साल 2017 के अपराध आंकड़ों को जारी कर दिया गया है। यह आंकड़े दो साल बाद जारी किए गए हैं। आंकड़ों के जारी होने के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश पर रेप का कलंक बकरार है। देश भर में रेप के मामले में मध्य प्रदेश पहले पायदान पर रहा है। बीते एक साल में 5599 महिलाओं के साथ ज्यादती हुई। इसमें 3082 नाबालिग बच्चियां भी शामिल हैं।
सरकारें लगातार महिला सुरक्षा के बड़े बड़े दावे करती रहीं है, लेकिन इनका असर होता नहीं दिख रहा है। आंकड़ों से तो सरकारी दावों की पोल खुलती दिखाई दे रही है। मप्र में 8.3% अपराध बढ़े हैं। प्रदेश में 2016 में 26604 मामले थे, जो 2017 में 29788 तक पहुंच गए।
रेप के मामले के आंकड़े सामने आने के बाद कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने इसकी ठीकरा पूर्व शिवराज सरकार पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ घोषणाएं करती रही उसी का परिणाम है कि रेप के मामले में मध्यप्रदेश नंबर वन है। हमारी सरकार महिला अपराध रोकने के लिए प्रयासरत है। नई तकनीक से महिला अपराध को रोका जाएगा।आने वाले समय में इसका रिजल्ट भी दिखाई देगा
गौरतलब है कि अपहरण के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। वर्ष 2016 में अपहरण और फिरौती जैसे अपराध की बात करें तो कुल 88008 मामले दर्ज हुए, जोकि 2017 में बढ़कर 95893 पहुंच गया। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन एनसीआरबी ने दो वर्ष विलंब से वर्ष 2017 के अपराध के आंकड़े जारी किए हैं। वर्ष 1954 से एनसीआरबी अपराध से जुड़े आंकड़े देता आ रहा है। अपराध के मामलों में जिस प्रदेश ने पहला स्थान दर्ज किया है वह उत्तर प्रदेश है, जिसके बारे में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम यूपी से तंग आ चुके हैं, यहां जंगल राज है।