मुंबई
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। एनसीपी-कांग्रेस के बीच लंबे अरसे से दोस्ती है लेकिन अब एनसीपी के ही एक मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर ऐसा बयान दिया है, जिससे गठबंधन के बीच तकरार हो सकती है। एनसीपी कोटे से उद्धव सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की लेकिन छात्रों ने उनको मात दी थी। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का जिक्र करते हुए आव्हाड ने यह बयान दिया। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आव्हाड को उनके बयान पर नसीहत दी है।
महाराष्ट्र के बीड में एक जनसभा के दौरान मंत्री आव्हाड ने कहा, 'इंदिरा गांधी ने भी लोकतंत्र का गला घोंटा था, कोई भी उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं था। तब अहमदाबाद और पटना के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें हराने के लिए जेपी आंदोलन की शुरुआत हुई। महाराष्ट्र और देश में इतिहास एक बार फिर दोहराया जाएगा।'
1975 में इमर्जेंसी लगने के बाद जयप्रकाश नारायण की अगुआई में विपक्ष ने आंदोलन चलाया था। इमर्जेंसी के दौरान संपूर्ण क्रांति के नारे के साथ विपक्ष ने इंदिरा सरकार का विरोध किया था। इस दौरान ज्यादातर बड़े विपक्षी नेता जेल में डाल दिए गए थे। जेपी आंदोलन का देशभर में असर हुआ और 1977 के चुनाव में जनता पार्टी ने सरकार बनाई।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए सीएए के संदर्भ में आव्हाड ने यह बयान दिया। कई राज्य सरकारें और कुछ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सीएए के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध जताया है। पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब और राजस्थान की विधानसभाओं में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित हो चुका है। इस बीच कांग्रेस ने जितेंद्र आव्हाड के बयान का विरोध किया है।
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने ट्वीट करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने सफाई दी है कि उनके भाषण के अर्थ का अनर्थ कर दिया गया है। मतलब कल के बयान से वह पीछे हटे। यह ठीक है। उन्होंने कल स्वर्गीय इंदिरा जी पर जनतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया था। मंत्रीगण इतिहास के बजाय वर्तमान में जियें तो राजनीतिक अनर्थ नहीं होगा।'
वैसे यह पहली बार नहीं है जब जितेंद्र आव्हाड विवादों में हैं। सीएए के खिलाफ महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान 20 जनवरी को उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली के सिंहासन पर बैठे लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप मुझसे भारतीय होने का सबूत मांगोगे। मैं यहां बैठे अपने हिंदू भाइयों से पूछना चाहता हूं कि जब आपके पुरखों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था उस वक्त आप कहां थे? मुस्लिम बता सकते हैं कि उनके पुरखों की कब्र कहां है।'