भोपाल
मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू नहीं किया जाएगा. इसका ऐलान तो सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) पहले ही कर चुके थे. आज भोपाल में हुई कैबिनेट बैठक में इसका संकल्प भी पारित कर दिया गया.
बुधवार को मंत्रालय में सीएम कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक ली.इसमें नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शासकीय संकल्प पारित किया गया.संकल्प में मप्र शासन ने भारत सरकार से इस कानून को वापस लेने का आग्रह किया है.इससे पहले कमलनाथ सरकार इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी कर चुकी है.सीएम कमलनाथ के नेतृत्व में एक बड़ी रैली रोशनपुरा चौराहे से राजभवन तक निकाली गई थी.
सरकार ने अपने शासकीय संकल्प पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश में इस कानून के विरोध में निरंतर प्रदर्शन देखे गए हैं, जो शांतिपूर्ण रहे. उनमें समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हुए थे. इसे देखते हुए यह स्पष्ट है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान की आधारभूत विशेषताओं और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है.इसलिए संविधान के मौलिक स्वरूप और मंशा के अनुरूप, धर्म के आधार पर किसी की तरह के भेद से बचने के लिए और भारत के सभी पंथ समूहों के लिए कानून के सामने समानता तय करने के लिए मध्यप्रदे शासन भारत सरकार से नागरिकता संशोधन कानून निरस्त करने का आग्रह करता है.
संकल्प पत्र में आगे लिखा गया है कि मध्यप्रदेश शासन भारत सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम निरस्त करने की अपील करता है. साथ ही जनता के मन में उठ रही आशंकाएं दूर की जाएं.
कमलनाथ सरकार के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा समानता के अधिकार और धर्मनिपेक्षता के साथ छेड़छाड़ की गई है. सभी को समानता का अधिकार है.बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई.कैबिनेट में इस कानून का विरोध करते हुए संकल्प पारित किया गया है.