मध्य प्रदेश

MP के पटवारी भी होंगे हाईटैक, सरकार आज उन्हें दे रही है ई-बस्ता

भोपाल
प्रदेश के पटवारियों के हाथों में अब तक सीमांकन और मैपिंग के साथ ही दूसरे कामों के लिए बस्ता दिया जाता रहा है, लेकिन कांग्रेस सरकार (Congress Government) में यह गुजरे जमाने की बात होगी. अब पटवारियों के हाथ में ई-बस्ता (E-Basta) होगा. कमलनाथ सरकार आज से पटवारियों के काम करने के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव करने जा रही है. उन्हें लैपटॉप दिए जाएंगे ताकि इस ई-बस्ता के ज़रिए वो जमीन के सीमांकन, खसरा-खतौनी, मैपिंग के काम आसानी से कर सकें. कमलनाथ सरकार में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अपने विधानसभा क्षेत्र  सागर के सुरखी से इसकी शुरुआत कर रहे हैं. वो यहां के युवा पटवारियों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लैपटॉप यानि ई-बस्ता दे रहे हैं.

राजस्व विभाग में अब पटवारी बस्ता के जरिए नहीं बल्कि लैपटॉप से कामकाज करेंगे. ई-बस्ता योजना के तहत प्रदेश भर के पटवारी लैपटॉप से लैसे होंगे. पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सागर जिले से शुरुआत की जा रही है. सागर में स्वर्ण जयंती सभागार में 18 फरवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मंत्री के विधानसभा क्षेत्र सुरखी से हाल ही में भर्ती किए गए 30 से 34 युवा पटवारियों को ट्रेनिंग के बाद ई-बस्ता (लैपटॉप) दिया जा रहा है. एक महीने तक पटवारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग होगी. उसके बाद 60 दिनों तक प्रोजेक्ट का परीक्षण होगा कि प्रदेश भर में किस तरह से पटवारियों से ई-बस्ता योजना से काम कराना है. मैदानी स्तर पर लैपटॉप से कामकाज में क्या तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं.

सॉफ्टवेयर अपडेट करने के साथ तकनीकी समस्याओं को दूर करने के बाद हर जिले में पटवारियों को लैपटॉप दिए जाएंगे. हालांकि हर जिले में पटवारियों को प्रशिक्षण देने के बाद ही लैपटॉप मिलेंगे, ताकि कामकाज में कोई दिक्कत ना हो. दूसरे चरण में संभागीय मुख्यालयों पर पटवारियों को लैपटॉप दिया जाएगा

राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि लैपटॉप के बाद पटवारी आसानी से काम कर सकेंगे. ग्रामीण ईलाकों में खसरा- खतौनी, नक्शे, सीमांकन के कामकाज में पटवारियों को आसानी होगी तो जो काम अब तक पटवारी बस्ता से करते थे वो काम अब लैपटॉप से कर सकेंगे. ई-बस्ता योजना से कामकाज में तेजी आने के साथ ही हर आवेदन और दस्तावेजों का ऑनलाइन रिकॉर्ड होगा.

कांग्रेस सरकार के पटवारियों को लैपटॉप देने पर पिछली भाजपा सरकार के पूर्व राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि ये सब पहले की योजनाएं हैं. सारी व्यवस्थाएं जब हमारी सरकार थी, तब बनाई थीं. लेकिन कांग्रेस सरकार ने योजनाओं को लागू करने में देर कर दी है. इसे लागू करने के साथ-साथ लगातार इनकी मॉनिटरिंग करने की जरूरत है. सवाल नीयत का है. ऑनलाइन करने पर कई विसंगतियां और तकनीकी दिक्कतें भी आती हैं. लैपटॉप चलाने वालों की ट्रेनिंग और रूचि पर सफलता निर्भर करती है, लेकिन अगर सिस्टम को पूरी मॉनिटरिंग के साथ लागू किया जाता है तो जनता को फायदा होगा.

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