नीमच
मालवा का पेरिस कहा जाने वाला नीमच (Neemuch) इन दिनों कुत्तों के आतंक से दहशत में है. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि बाहर से आने वाले लोगों ने नीमच शहर में आने से परहेज़ कर लिया है. हैरानी की बात है कि अब तक इस शहर में पिछले दस महीने में 600 लोग कुत्तों (Dogs) के काटे का शिकार हो चुके हैं.
नीमच निवासी मनीष सोनी की 8 वर्षीय बेटी जब बुधवार को अपने घर के आंगन में खेल रही थी, तभी दो कुत्तो ने उस पर हमला कर दिया. इस दौरान उसका जबड़ा फाड़ दिया. गनीमत रही कि वहां मौजूद कुछ महिलाओं ने उसे छुड़ा लिया, वरना उसकी जान जा सकती थी. मनीष सोनी ने कहा कि हम दहशत में हैं, लेकिन अपनी फ़रियाद किससे करें.
जबकि शहर के बालकृष्ण मिश्रा का कहना है कि कुत्तों का भारी आतंक शहर में है. हर एक गली मोहल्ले में झुंड में कुत्ते घूमते हैं, जो आने-जाने वालों पर भोंकने के साथ ही उन पर झपटते भी हैं. नीमच में कुत्तों के डर से अब हमारे रिश्तेदार तक यहां आने से कतराने लगे हैं.
इस पूरे मामले में आरटीआई कार्यकर्ता परमजीत फौजी कहते हैं कि जिला अस्पताल में डॉग बाइट के इंजेक्शन समय पर नहीं लग रहे हैं, जिसके कारण लोगों को मुश्किल आ रही है. वैसे एक ज़माना था जो शहर अपनी खूबसूरती और साफ सफाई के लिए मालवा का पेरिस माना जाता था वो आज कुत्तों के आतंक के कारण जाना जाता है.
इस संबंध में जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. मनीष यादव के अनुसार पिछले 10 माह में 600 लोग कुत्तों के काटे का शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनो में डॉग बाइट के मामले बढ़े हैं, जो कि चिंताजनक हैं. हम यहां आने वाले कुत्तों के शिकार लोगों को पूरा इलाज दे रहे हैं. यही नहीं, हम नगर पालिका के अधिकारियों को भी इससे अवगत करवा चुके हैं.