भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार (Kamalnath Government) ने अंतर-मंत्रालयीन केन्द्रीय दल से मांग की है कि इस मानसून (Monsoon) में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति (Damage by rain & flood) के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) से 6,621 करोड़ रुपए की सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए. यह केंद्रीय दल प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में बाढ़ और बारिश की वजह से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचा था.
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने यहां मंत्रालय में बुधवार को अंतर-मंत्रालयीन (Inter-Ministerial Team) केन्द्रीय दल के साथ बैठक की. इसमें उन्होंने केंद्रीय दल को प्रदेश में बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से हुए नुकसान का पूरा ब्योरा दिया. मुख्य सचिव ने केंद्रीय दल से अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति के लिए एनडीआरएफ से 6,621 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
उन्होंने कहा कि बैठक में केन्द्रीय दल को यह भी बताया गया कि इस मानसून में प्रदेश में खरीफ की 149.35 लाख हेक्टेयर फसल में से 60.52 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है. इससे लगभग 55.36 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश की लगभग 11,000 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. लगभग 18,604 बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर तथा 1.2 लाख मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
उन्होंने कहा कि मोहन्ती ने बैठक में केन्द्र की ओर से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए प्रदेश की स्थिति को गंभीर आपदा के रूप में लेने का अनुरोध किया. संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय एस.के.शाही के नेतृत्व में आए अंतर-मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने प्रदेश के 15 जिलों का भ्रमण कर बुधवार को राज्य शासन के अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक की. केन्द्रीय दल को अवगत कराया गया कि प्रदेश में इस साल एक जून से 30 सितम्बर तक की अवधि में 1348.3 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश के 20 जिले अतिवृष्टि से प्रभावित हैं.