छत्तीसगढ़

MP में बेरोजगारी को लेकर BJP-कांग्रेस में छिड़ी सियासत, जानिए क्‍या है हकीकत?

भोपाल
मध्‍य प्रदेश में बेरोजगारी (Unemployment) के मुद्दे पर फिर से सियासत छिड़ गई है. कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी सरकार (BJP Government) के मुकाबले कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) में बेरोजगारी की दर सात फीसदी से घटकर 4.2 पहुंच गई है. वहीं कांग्रेस के दावे पर अब बीजेपी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का ऐलान कर दिया है. सच कहा जाए तो 2018 के चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बना था, जो एक बार फिर से गर्म हो गया है.

कमलनाथ सरकार का दावा है कि बीजेपी सरकार के मुकाबले कांग्रेस सरकार के दस महीने के कार्यकाल में बेरोजगारी की दर घटकर करीब आधा हो गई है. कांग्रेस ने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की अक्टूबर 2019 में जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिसंबर 2018 के बाद से लगातार बेरोजगारी में कमी आने का दावा किया है. कांग्रेस का दावा है कि पूरे देश में जब बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ रहा है. ऐसे में प्रदेश में हर महीने बेरोजगारी के आंकड़ों में कमी दर्ज हो रही है. कांग्रेस ने दिसंबर 2018 में दर्ज बेरोजगारी 7 फीसदी दर के सितंबर में 4.2 फीसदी पहुंचने का दावा किया है.

कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे के मुताबिक कांग्रेस सरकार के दस महीने के कार्यकाल में हुए निवेश के असर के कारण प्रदेश में बेरोजगारी की दर घटी है. वहीं कांग्रेस के दावों पर बीजेपी ने पलटवार बोला है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सीएमआईई के हवाले से कांग्रेस के दावों को गुमराह करने वाला बताया है. बीजेपी ने झूठे आंकड़ों पर कांग्रेस को सरकार की पीठ थपथपाने का आरोप लगाया है. वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडेय ने अब बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का एलान कर दिया है. इसकी शुरुआत नवंबर महीने में य़ुवाओं के बीच हस्ताक्षर अभियान के जरिए की जाएगी.

इन दावों की हकीकत को लेकर अब प्रदेश में सियासी बवाल उठ खड़ा हुआ है और बीजेपी ने इसे सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा बनाकर युवाओं तक पहुंचने का ऐलान कर दिया है.

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