इंदौर
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चल रहे ताजा राजनैतिक घटनाक्रम पर आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम (Tribal Welfare Minister Omkar Singh Markam) ने अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुझे क्या लेना देना, मैं अपनी दुकान चला रहा हूं और मेरी दुकान बढ़िया चले इसका मैं प्रयास कर रहा हूं. मैं कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जिंदाबाद के अलावा कुछ नहीं जानता हूं.
यही नहीं, सिंघार बनाम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) की लड़ाई के बाद वन मंत्री उमंग सिंघार को मंत्रिमंडल से ड्राप करने के सवाल पर मरकाम ने कहा ये तो पार्टी के बड़े नेता सोचे है. मैं तो बहुत छोटा नेता हूं.
हालांकि आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम देश में गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल जरूर पूछ रहे हैं. मंत्री का कहना है कि पीएम मोदी बताएं किस कारण देश की अर्थव्यवस्था नाजुक दौर में पहुंच गई हैं. कांग्रेस ने 70 साल से बड़ी सहेजकर इकोनॉमी खड़ी की थी, जो पिछले 5 साल से गिर रही है.
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि नोटबंदी के परिणाम तीन साल बाद दिखाई देंगे जो अब दिखने लगे हैं. उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं और लोग बेरोजगार हो रहे हैं. यकीनन देश की चौपट होती अर्थव्यवस्था चिंता का विषय है, जिन देशों में नोटबंदी और जीएसटी लागू हुई है वहां के हालात इसी तरह खराब हुए हैं. इस पर चर्चा होनी चाहिए. नीति आयोग, रिजर्व बैंक के अधिकारियों और आर्थिक विशेषज्ञों को मंथन कर अर्थव्यवस्था में सुधार के रास्ते तलाशने चाहिए.
इंदौर में संभागीय समीक्षा बैठक लेने पहुंचे मंत्री मरकाम ने प्रदेश के अफसरों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा कि 15 साल के आचरण और विचारधारा को जल्दी बदला नहीं जा सकता, लेकिन हम प्रेम और सौहार्द के साथ विकास कार्य करने की मुख्य पटरी पर अधिकारियों को ला रहे हैं.
बहरहाल, मध्य प्रदेश के अफसरों की कार्यप्रणाली से खफा मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने तो एक बार यहां तक कह दिया था कि सरकारी ऑफिसों में गांधीजी की तस्वीर की जगह अफसरों की तस्वीर लगनी चाहिए. उनकी सुबह शाम आरती होनी चाहिए. हालांकि अब उनके तेवर थोड़े नरम जरूर पड़े हैं,लेकिन अभी भी अफसरों को लेकर मन में टीस जरूर है.