सैफ अली खान ने #MeToo मुहीम पर बात करते हुए कहा कि हर चीज के 2 पहलू होते हैं और इस मामले में भी सिर्फ एक शिकायत के बाद किसी लड़के को काम से निकाल कर फेंक देना भी ठीक नहीं है। सैफ यह भी मानते हैं कि #MeToo मुहीम के बाद जो भी केस सामने आए और उन पर जो कड़े ऐक्शन लिए गए, उसके बाद बदलाव जरूर आया है।
हाल ही में एक बातचीत के दौरान सैफ ने #MeToo से जुड़े सवाल पर कहा कि महिलाओं को मैनिप्युलेट करना बेहद घिनौना काम है। #MeToo मुहीम के बाद जो भी बदलाव हो रहा है, ऐक्शन लिए गए वह अच्छा हुआ। सैफ की मानें तो वह हमेशा से ही महिलाओं के मामलों में पूरी तरह सपॉर्ट में रहे हैं।
सैफ कहते हैं, 'हर बात के 2 पहलू होते हैं। धुंआ तभी उठता है, जब कहीं आग लगी होती है। महिलाएं जब अपनी बात कहना चाहती हैं, हमें सपॉर्ट कर उनकी बात को सुनना होगा। इस मामले में एक डर यह भी है कि किसी की शिकायत के बाद, बिना किसी सबूत के ऐक्शन लेने से एक लड़के का करियर बर्बाद हो सकता है।'
#MeToo मुहीम के बाद आए बदलाव पर सैफ ने कहा, 'जब इस मुहीम की शुरुआत हुई थी, तब सभी लोग कह रहे थे कि महिलाओं की बात सुनकर पुरुषों को काम से निकला जाए, ताकि वह बर्बाद हों, इस तरह माहौल में सुधार होगा, इसके बाद एक बात तो जरूर हुई है कि अब लड़के किसी भी लड़की से कोई भी बात करने से पहले 10 बार सोचते हैं।'
इस मामले में दूसरे पहलू की बात करते हुए सैफ ने कहा, 'सिर्फ एक शिकायत के बाद ऐक्शन लेने की यह स्थिति डेंजर भी है। इस मामले में यह दुर्भाग्य है कि कुछ ही नामचीन लोगों को नीचे गिराया गया, बाकी अमीरों को किसी ने छुआ तक नहीं। मुझे नहीं पता कि यह किस तरह की सामाजिक व्यवस्था है।'
सैफ का मानना है कि यौन शोषण की इस मुहीम में अब तक सिर्फ सॉफ्ट टार्गेट को ही निशाना बनाया गया है। सैफ कहते हैं, 'मुझे नहीं लगता कि #MeToo मुहीम में जो नाम अब तक सामने आएं हैं, सिर्फ वही दोषी रहे हैं। मुझे लगता है कि #MeToo की यह मुहीम अभी और ऊपर तक जाएगी। हम इस बात से भी वाकिफ हैं कि इस मामले में पावरफुल लोगों को नहीं छुआ जा सकता है, फिर चाहे वह पॉलिटिक्स हो और फिल्म लाइन हो। अगर इतनी शिकायतों के बाद माहौल सुरक्षित हो जाता है तो अच्छी बात है।'