इस्लामाबाद
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इन दिनों हजारों प्रदर्शनकारी पीएम इमरान खान के इस्तीफे की मांग के साथ डटे हुए हैं। ये लोग कट्टर इस्लामिक नेता और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान की लीडरशिप में जुटे हैं। 1 नवंबर को फजलुर रहमान ने रैली को संबोधित करते हुए पीएम इमरान खान को 48 घंटों में इस्तीफा देने को कहा था। शनिवार को उन्होंने कहा था कि इमरान खान जब तक इस्तीफा नहीं देते हैं, तब तक वह वापस नहीं लौटेंगे।
आज उनकी ओर से दी गई दो दिन की डेडलाइन समाप्त हो रही है और इस्लामाबाद में सेना और सरकार की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इस बीच इमरान खान ने डी-चौक को सील करते हुए फोर्स बढ़ा दी है।
सीएम थे मौलाना फजुलर रहमान के पिता
खैबर पख्तूनख्वा के जिले डेरा इस्माइल खान के रहने वाले फजलुर रहमान के पिता मौलाना मुफ्ती महमूद 1970 में खैबर के सीएम रहे थे। पिता की मौत के बाद मौलाना ने इस्लाम के देवंबदी मत को मानने वाली पार्टी जमात-उल-इस्लामी की कमान संभाली थी।
तालिबान के समर्थन में US को दी थी जिहाद की धमकी
अकसर सिर पर पीला साफा बांधे रखने वाले तालिबान समर्थक नेता फजलुर रहमान एक दौर में पीएम पद के दावेदार के तौर पर उभरे थे। एक दौर में जब अमेरिका ने तालिबान के ठिकानों पर अफगानिस्तान में हमला बोला था तो उन्होंने पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में अमेरिका और पूर्व तानाशाह मुशर्रफ के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। तब उन्होंने बमबारी न रुकने पर अमेरिका के खिलाफ जिहाद छेड़ने की भी धमकी दी थी। तब उन्हें मुशर्रफ ने घर में ही नजरबंद करा दिया था।
फजलुर रहमान का गढ़ है खैबर पख्तूनख्वा
कट्टरपंथी देवबंदी ग्रुप के नेता रहमान 1989 में सलमान रश्दी की किताब 'द सैटनिक वर्सेस' के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए भी जाने जाते हैं। वह स्पेशल पार्लियामेंटरी कमिटी ऑन कश्मीर के चेयरमैन हैं। उनपर देश में कश्मीर के मुद्दे को कमतर दिखाने और खैबर पख्तूनख्वा के मसले को उजागर करने के आरोप लगते हैं। खैबर पख्तूनख्वा उनका गढ़ है। 2016 में उन्होंने लोगों का ध्यान एकबार तब खींचा जब उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर ऑब्सेस्ड है, और इसके लिए खैबर पख्तूनख्वा को दांव पर लगाने को तैयार है। वह पाक आर्मी के भी विरोधी रहे हैं।
इमरान को नसीहत, सत्ता छोड़ें, अब हम संभालेंगे
पीएम इमरान खान को सत्ता छोड़ने की नसीहत देते हुए फजलुर रहमान ने कहा, 'उन्हें अब यह मानना होगा कि पाकिस्तान में उनकी सत्ता समाप्त हो चुकी है। अब पाकिस्तान के शासक नहीं रहे हैं। अब हम देश चलाएंगे। हम देश को शांतिपूर्ण तरीके से चलाएंगे। हम इस देश को विकसित करेंगे। अर्थव्यवस्था को बेहतर करेंगे। यह देश आपसे अब नहीं जुड़ा रहेगा।'
इमरान के इलेक्शन को फर्जी बताते रहे हैं रहमान
बीते साल 25 जुलाई को हुए देश के आम चुनावों को फजलुर रहमान ने फर्जी करार देते हुए कहा है कि इमरान खान वोट से नहीं बल्कि सेना के सपॉर्ट से जीते थे। रहमान ने इमरान खान के इस्तीफे तक 'आजादी मार्च' जारी रखने का ऐलान किया है।
2018 आम चुनाव के बाद बड़ा प्रदर्शन
इमरान खान के अगस्त 2018 में सत्ता में आने के बाद देश में यह सबसे बड़ा प्रदर्शन है और हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में जमे हुए हैं। रहमान ने कहा, '25 जुलाई का चुनाव फर्जी है। हम न तो उसके नतीजों को स्वीकार करते हैं और न ही उस सरकार को जो उस चुनाव के बाद आई। पिछले एक साल से यह सरकार है लेकिन अब हम इसे और अधिक नहीं चाहते।' रहमान ने समर्थकों से अपील की कि वे इमरान के इस्तीफे तक इस्लामाबाद में जमे रहें।