नई दिल्ली
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर घाटी में पाबंदियों के बारे में 'दुष्प्रचार' फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कोई प्रतिबंध नहीं है, बल्कि यह सिर्फ विपक्ष के दिमाग में है। शाह ने कहा, 'प्रतिबंध कहा हैं? यह सिर्फ आपके दिमाग में हैं। कोई प्रतिबंध नहीं हैं। सिर्फ दुष्प्रचार किया जा रहा हैं।' गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में 196 थाना-क्षेत्रों में से हर जगह से कर्फ्यू हटा लिया गया है और सिर्फ आठ थाना-क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पाबंदियां लगाई गई हैं। इस धारा के तहत पांच या इससे ज्यादा लोग एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। शाह ने यह भी दावा किया कि कश्मीर में जल्द ही सामान्य जनजीवन बहाल हो जाएगा।
गृहमंत्री ने पूर्व सरकारी अधिकारियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'वे कह रहे हैं कि राज्य में कम्युनिकेशन सिस्टम ठप है, जबकि सभी लैंडलाइन काम कर रही हैं। कश्मीर की जनता के लिए अब 10,000 नए लैंडलाइन कनेक्शन और 6,000 से ज्यादा पीसीओ खुल चुके हैं। जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वजह से 41,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके मुकाबले टेलीफोन का न होना किसी मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है।'
शाह ने कहा कि मोदी सरकार कश्मीर में मानवाधिकारों की रक्षा करने के साथ राज्य को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए काम कर रही है। शाह ने कहा कि उनके लिए कश्मीर के हालात को लेकर फैलाई जाने वाली बेबुनियाद बातों का खंडन करना जरूरी है।
उन्होंने कहा, 'मानव अधिकारों के चैंपियन लोग इतने वर्षों के दौरान कश्मीर में मारे गए जवानों की विधवाओं का दुख क्यों नहीं देखते हैं? वे लोग अभी यह कहने के लिए जागे हैं कि मानवाधिकार ऐक्ट कश्मीर में भी लागू होगा। दुनियाभर के मीडियाकर्मी जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग जगहों पर स्टोरी करने जा रहे हैं। किसी पर भी कोई पाबंदी नहीं है।'
फारूख अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने पर उठ रहे सवालों को लेकर उन्होंने कहा, ' कांग्रेसियों के साथ अन्य लोग फारूख अब्दुल्ला को लेकर हमारी कार्रवाई के बारे सवाल उठा रहे हैं। मैं उन सभी को बताना चाहता हूं कि कांग्रेस सरकार ने शेख अब्दुल्ला को 11 वर्षों तक हिरासत में रखा था और हमसे लोग सिर्फ दो ही महीनों में सवाल पूछने लगे हैं। नेहरू को खुद अहसास हुआ था कि उन्होंने गलती की थी।'