पटना. बिहार की सियासत में पोस्टर के जरिये अपनी बात कहने का प्रचलन परवान चढ़ रहा है. जेडीयू-आरजेडी (JDU-RJD) के बीच पोस्टर जारी करने की होड़ सी मची हुई है. मानव श्रृंखला का आरजेडी के बहिष्कार करने के निर्णय के बीच अब जेडीयू ने दो पोस्टर जारी कर आरजेडी शासन काल की तुलना जेडीयू के शासन काल से की है. इस बार का पोस्टर खास इसलिए भी है कि ये आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के गांव और ससुराल में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का हवाला दे कर तंज कसा गया है.
'लालटेन युग से बिजली युग' को थीम बनाते हुए पहले पोस्टर में लालू यादव के ससुराल सेलरकला गांव के बारे में बताया गया है. इसमें बिजली की उपलब्धता 22 से 23 घंटा दिखाई गई है और बिजली उपभोक्ता की संख्या के साथ ही वहां लगाए गए बिजली के तार और खर्च की गई रकम के बारे में बताया गया है. पोस्टर में मोटे अक्षरों में लिखा गया है कि लालू जी के ससुराल व राबड़ी जी का नैहर सेलर कला कह रहा विकास की कहानी.
इसी तरह दूसरा पोस्टर भी जारी किया गया है जिसमें लालू यादव के पैतृक गांव फुलवरिया के बारे में भी बिजली की उपलब्धता के साथ उपभोक्ताओं की संख्या और उसपर आई लागत के बारे में लिखा गया है. इसमें लालू यादव के बारे में कैदी संख्या 3351 से संबोधित करते हुए लिखा गया है कि लालू जी के पैतृक गांव फुलवरिया कह रहा बिहार के विकास की कहानी.
बता दें कि हाल में ही जेडीयू द्वारा लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन का हिसाब मांगते हुए एक पोस्टर जारी किया गया था इसके जवाब में आरजेडी ने भी पोस्टर जारी किया था. इस पोस्टर में केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा गया था. खास यह भी है कि राजद का जवाबी पोस्टर किसी नेता-कार्यकर्ता का नहीं बल्कि पार्टी का अधिकृत पोस्टर था
जेडीयू ने अपने पोस्टर में ‘हिसाब दो-हिसाब लो’ लिखा था तो अपने जवाबी पोस्टर में राजद ने ‘झूठ की टोकरी, घोटालों का धंधा’ लिखा था. आरजेडी ने पोस्टर में राज्य के साथ ही केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया था और देश में महंगाई होने का दावा करते हुए पार्टी द्वारा राफेल खरीद पर सवाल उठाने के साथ ही नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या के देश छोड़कर भागने पर तंज कसा गया था.