छिंदवाड़ा
जिले के सौंसर के मोहगांव तिराहे से छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को (Statue of Shivaji) JCB मशीन से अपमानजनक तरीके से हटाए जाने का मा्मला तूल पकड़ रहा है. बीजेपी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. शिवाजी की मूर्ति कुछ हिंदूवादी संगठनों ने बिना इजाज़त सरकारी ज़मीन पर लगा दी थी, जिसे प्रशासन ने हटवा दिया था. हालांकि, बाद में विवाद बढ़ता देख प्रशासन ने 19 तारीख़ को भव्य समारोह के साथ शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने का आश्वासन दिया है.
शिवसेना और हिंदूवादी संगठनों ने मोहगांव तिराहे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने के लिए नगरपालिका को पहले ज्ञापन दिया था. ज्ञापन के बाद नपा अध्यक्ष ने मोहगांव तिराहे पर जाकर प्रतिमा स्थापना के लिए जगह देखी थी, जब प्रतिमा स्थापना की मंज़ूरी मिलने में देरी होती दिखी तो हिंदूवादी संगठनों ने वहां अस्थायी चबूतरा बनाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित कर दी थी. मामले की जानकारी मिलने पर रात में ही प्रशासन की टीम वहां पहुंची और मूर्ति हटवा दी. टीम के लोगों ने बताया कि कहना प्रशासन ने यहां मूर्ति लगाने की इजाज़त नहीं दी, इसलिए उसे हटाया गया.
हिंदूवादी संगठन इससे नाराज़ हो गए. लोगों में गुस्सा इस बात को लेकर था मूर्ति को सम्मानजनक तरीके से नहीं हटाया गया. प्रतिमा हटाने की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे और आक्रोशित लोगों ने छिंदवाड़ा-नागपुर हाईवे जाम कर दिया था.
मान गया प्रशासनस्थिति को बिगड़ता देख प्रशासन को लोगों की बात माननी पड़ी. प्रशासन ने मूर्ति स्थापना की इजाज़त दे दी. छिंदवाड़ा के एडीएम राजेश शाही का कहना है कि बिना अनुमति के मूर्ति सरकारी ज़मीन पर लगाई गई थी इसलिए उसे रोका गया. बिना इजाजत मूर्ति लगाना उचित नहीं है. अधिकारियों ने ग्रामीणों को इस बात का आश्वासन दिया कि 19 तारीख को भव्य समारोह के साथ शिवाजी की प्रतिमा चौराहे पर स्थापित कर दी जाएगी.
उधर, इस मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों आमने-सामने आ गए. भाजपा का आरोप है कि प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में प्रतिमा को हटाया गया है जो अपमानजनक है. पार्टी नेता मनोज तिवारी ने ट्वीट किया, 'कभी सोचा नहीं था कि अपने भारत देश में ही ये दिन देखना पड़ेगा…जब छत्रपति शिवाजी की मूर्ति पर JCB चले…हे भवानी ये कैसी मध्य प्रदेश सरकार है.' वहीं, कांग्रेस ने इस बात को साफ किया है कि प्रतिमा की स्थापना भव्य समारोह के साथ की जा रही है. प्रतिमा को गलत तरीके से हटाना उद्देश्य नहीं था. इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. फिलहाल ग्रामीण इस बात पर मान गए है कि प्रतिमा जल्दी ही वहां स्थापित कर दी जाएगी.