वॉशिंगटन
खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के सरगना अबु बकर अल-बगदादी के मारे जाने के बाद भी खतरा अभी टला नहीं है। दरअसल, यह आतंकी संगठन दुनियाभर में अपने पांव पसार चुका है। अमेरिका का कहना है कि इस समय दुनिया में IS की 20 शाखाएं खुल चुकी हैं। चिंता की बात यह है कि एक शाखा दक्षिण एशिया में भी ऐक्टिव है और इसने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले की कोशिश की थी। एक टॉप अमेरिकी अधिकारी ने अपने सांसदों को यह जानकारी दी है।
'भारत में आत्मघाती हमले की कोशिश की'
अमेरिका के राष्ट्रीय आतंकनिरोधक सेंटर के कार्यकारी निदेशक रशेल ट्रैवर्स ने US सांसदों को बताया, 'ISIS के खुरासान ग्रुप यानी ISIS-K ने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले की कोशिश की थी। आईएस के सभी गुटों में से ISIS-K अमेरिका के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात है। यह आतंकी गुट प्रॉपेगैंडा फैला रहा है और IS के नए सरगना से अपना कनेक्शन भी जाहिर कर चुका है।' अमेरिकी सेनेटर मैगी हसन के सवाल के जवाब में ट्रैवर्स ने यह जानकारी दी।
क्षेत्र में आतंकी हमले करने की ISIS-K की ताकत के बारे में पूछे जाने पर ट्रैवर्स ने बताया, 'उन्होंने निश्चित तौर पर अफगानिस्तान के बाहर हमले करने की कोशिश की है। उन्होंने पिछले साल भारत में भी आत्मघाती हमले करने की साजिश रची थी लेकिन वे नाकाम रहे।' हसन पिछले महीने पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी गई थीं। इस दौरान उन्हें अमेरिकी सेना से ISIS-K की तरफ से बढ़ते खतरे को लेकर जानकारी मिली।
इस आतंकियों के पास ड्रोन उड़ाने की क्षमता
हसन ने कहा, 'मैंने स्पष्ट तौर पर सुना कि ISIS-K अफगानिस्तान में न केवल अमेरिकी फोर्सेज के लिए खतरा बन चुका है बल्कि यह अमेरिका की सरजमीं पर भी हमले कर सकता है।' ट्रैवर्स ने पिछले हफ्ते कहा था कि दुनिया में 20 शाखाएं IS की हो चुकी हैं और कुछ तो आधुनिक तकनीक से भी लैस हैं, जिनमें ड्रोन का ऑपरेशन करने की भी क्षमता है।
हसन ने कहा है कि इराक और सीरिया में आईएस के खिलाफ अमेरिका को मिली बड़ी कामयाबी के बाद भी यह आतंकी संगठन हमारे लिए खतरा बना हुआ है। ट्रैवर्स ने बताया कि ISIS-K ने कुछ साल पहले न्यू यॉर्क में हमले की कोशिश की थी लेकिन FBI ने उसे नाकाम कर दिया। इसके बाद 2017 में स्टॉकहोम में 2017 में हमला हुआ, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई।