धर्मशाला
धर्मशाला में पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ने के बाद भारत बुधवार को यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में जीत के साथ तीन मैचों की सीरीज बढ़त बनाने के इरादे से उतरेगा। विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के लिए भी यह मैच काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि पिछले कुछ मैचों में वह मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे हैं और उन पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप में अब भी 12 महीने से अधिक का समय बाकी है लेकिन कप्तान विराट कोहली पहले ही अपनी विस्तृत योजना बना चुके हैं और उन्होंने बता दिया है कि उन्हें टीम में शामिल युवाओं से क्या उम्मीदें हैं।
कप्तान ने साफ कर दिया है कि जब वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए उतरे थे तो उन्होंने अधिक मौके मिलने की उम्मीद नहीं की थी और उनका मानना है कि मौजूदा युवा खिलाड़ियों को भी सीमित मौकों में खुद को साबित करना होगा। इन खिलाड़ियों में 21 साल के पंत भी शामिल हैं। धर्मशाला में सीरीज के पहले मैच में मैदान पर एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी लेकिन मैदान के इतर की गतिविधियों में पंत केंद्र बिंदू रहे और टीम प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि यह विकेटकीपर बल्लेबाज अपनी गलतियों को लगातार नहीं दोहरा सकता और अगर ऐसा किया तो खामियाजा भुगतना होगा। कोहली ने अब तक टीम में महेंद्र सिंह धोनी की वापसी का विकल्प खुला रखा है और ऐसे में पंत पर दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी प्रतिभा से न्याय करें।
पंत के अलावा लेग स्पिनरों राहुल चाहर और वाशिंगटन सुंदर पर भी दबाव होगा। इन दोनों गेंदबाजों को लगातार दूसरी सीरीज में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की स्पिन जोड़ी पर तरजीह दी गई है। विश्व कप से पहले भारत को 20 से कुछ अधिक मैच खेलने हैं और ऐसे में टीम चाहती है कि उसकी बल्लेबाजी मजबूत हो। इसके लिए आठवें, नौवें और 10वें नंबर के बल्लेबाजों को नियमित तौर पर अधिक रन बनाने होंगे जो कभी भारत का मजबूत पक्ष नहीं रहा। लंबे बल्लेबाजी क्रम का क्या विकेट चटकाने की भारत की क्षमता पर असर पड़ेगा इसका जवाब भी हमें आने वाले समय में ही मिलेगा।
श्रेयस अय्यर और मनीष पांडे्य के लिए भी यह सीरीज काफी महत्वपूर्ण है जिन्हें मध्यक्रम को मजबूत करने के लिए टीम में शामिल किया गया है। साथ ही शिखर धवन के पास भी बड़ी पारी खेलने का मौका होगा। यह सलामी बल्लेबाज वेस्टइंडीज दौरे पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहा था। यहां का मैदान धवन को काफी रास आता है। इसी मैदान पर उन्होंने टेस्ट पदार्पण करते हुए 187 रन की पारी खेली थी जबकि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में 143 रन बनाए थे लेकिन टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत को हराना आसान नहीं होगा जो पिछले कुछ समय से अच्छी लय में है।
बदलाव के दौर से गुजर रही दक्षिण अफ्रीका की टीम धर्मशाला में मैच बारिश की भेंट चढ़ने के बाद मैदान पर उतरने के लिए बेताब होगी। कागिसो रबाडा की अगुआई वाले दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजी आक्रमण को अगर भारतीय बल्लेबाजों विशेषकर कप्तान कोहली को रोकना है तो शानदार गेंदबाजी करनी होगी। कोहली ने इस मैदान पर पिछले टी-20 में मार्च 2016 में अपने करिअर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक खेली थी और भारत को वर्ल्ड टी-20 के सेमीफाइनल में जगह दिलाई थी। कोहली ने हाल में ट्वीट करके 51 गेंद में 82 रन की इस पारी की अहमियत बताई थी जिसमें उन्होंने धोनी के साथ मिलकर भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया था।