कोलकाता
कोलकाता हाईकोर्ट ने फिल्म स्टार शाहरुख खान को निर्देश दिया है कि एक हलफनामा दायर कर वे बताएं कि दिल्ली स्थित शैक्षणिक संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आईआईपीएम) के साथ उनके किस प्रकार के संबंध हैं.
आईआईपीएम का ऑपरेशन साल 2015 से बंद है. इस संस्थान के दो छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसकी सुनवाई के दौरान कोलकाता हाईकोर्ट ने शाहरुख खान से हलफनामा दायर करने को कहा है. शाहरुख खान इस इंस्टीट्यूट के ब्रांड एम्बेडर थे. छात्रों का आरोप है कि संस्थान ने एडमिशन फीस के नाम पर 20 लाख रुपये लिए और बाद में इसे बंद कर दिया.
याचिका दायर करने वालों में एक देबंजन दत्ता वकील हैं जिन्होंने इंस्टीट्यूट के बिजनेस की जांच करने की मांग उठाई है. दत्ता ने इसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि 'संस्थान विदेश में अपने कैंपस होने का दावा करता है जिसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए.'
ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर शाहरुख खान के खिलाफ जांच की मांग उठाते हुए देबंजन दत्ता ने कहा, 'विज्ञापन में शाहरुख खान जैसे भरोसेमंद ब्रांड को देखते हुए मेरे क्लायंट ने अपने बेटे का एडमिशन कराया….वे ऐसा कोई विज्ञापन नहीं कर सकते जो लोगों को भ्रमित करता हो. उन्हें बाजार से ऐसे विज्ञापन हटाने चाहिए.' शाहरुख खान और राज्य सरकार के अलावा आईआईपीएम के प्रमोटर को भी हलफनामा देकर अपनी बात रखने को कहा गया है.