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आपको किताब पढऩे का शौक है तो यहां जाएं

If you are fond of reading books then go here

बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भेल भोपाल में शुरू हुआ पिक एंड रीड अभियान, विद्यार्थियों को मिल रही कोर्स के अलावा अन्य तरह की किताबें
If you are fond of reading books then go here: भोपाल. बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भेल में पिक एंड रीड (चुनो और पढ़ो) अभियान की शुरुआत की गई है। इसमें महाविद्यालय में अध्ययनरत कोई भी विद्यार्थी यहां से किताब ले सकता है। उसे घर ले जा सकता है और घर में खाली रखी किताबों को महाविद्यालय में डोनेट कर इस अभियान में अपनी सहभागिता भी निभा सकता है। इस अभियान में महाविद्यालय का स्टाफ अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। महाविद्यालय के प्रवेश द्वार पर लगाए गए स्टाल पर नई किताबें आते ही विद्यार्थियों की भीड़ लग जाती है। विद्यार्थी इन किताबों में से छांटकर अपने रुचि के अनुसार यहां से किताबें पढऩे के लिए घर ले जाते हैं। कुछ विद्यार्थी महाविद्यालय में भी खाली समय में बैठकर किताबें पढ़ते हैं।

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आमजन इस तरह कर सकते हैं सहयोग
महाविद्यालय के पिक एंड रीड (चुनो और पढ़ो) अभियान में आमजन और शहर के नागरिक भी अपनी सहभागिता निभा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने घर में या फिर आसपड़ोस के घरों में रखी अनुपयोगी किताबों को यहां ले आकर महाविद्यालय स्टाफ को डोनेट कर सकते हैं। आपका यह छोटा सा प्रयास बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को अपने-अपने विषय से इतर विभिन्न विषयों की किताबें पढऩे और उनसे सीखने के लिए मिल सकती हैं। इन किताबों के माध्यम से विद्याार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी मिल सकेगी, जिससे वे अपने जीवन को संवार सकते हैं और घर में रखी कितबें भी उपयोग में आने लगेगी। इससे आपको और आपके परिवार को भी दान देने का सुख मिल सकेगा।

लोग अभी कबाड़ में दे देते हैं किताबें
ज्यादातर लोग घर में रखी कोर्स के साथ ही अन्य तरह की किताबों को पढऩे के बाद या तो घर के कबाड़ में रख देते हैं या फिर महंगी किताबों को कबाडिय़ों को बेच देते हैं। ऐसे मे यह महत्वपूर्ण किताबें लोगों को ज्ञानवान बनाने के बजाय रद्दी में जाने पर सामान देने के काम आती हैं।

अब तक 2000 से ज्यादा किताबें जमा हो चुकी हैं
बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भेल में शुरू किए गए पिक एंड रीड
(चुनो और पढ़ो) अभियान के तहत अब तक 2000 से ज्यादा किताबें लोगों द्वारा दान में दी जा चुकी हैं। किताबें दान में मिलने के बाद महाविद्यालय का स्टाफ इन किताबों को सही करते उन पर महाविद्यालय की सील लगाकर नंबरिंग करता है। जिससे पता चल सके कि अब तक कितनीं किताबें शहर के लोगों द्वारा डोनेट की जा चुकी हैं।

बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भेल के प्राचार्य डॉ. संजय जैन ने बताया कि यह पिक एंड रीड (चुनो और पढ़ो) अभियान बेहद सकारात्मक पहल है, जिससे महाविद्यालय में आने वाला प्रत्येक आगंतुक प्रभावित हो रहा है। छात्र-छात्राएं भी अपने विषय के अतिरिक्त अन्य विषयों की किताबें पढऩे अवसर पा रहे हैं।

महाविद्यालय में बीएससी फाइनल ईयर में अध्ययनरत सांतनु तिवारी ने बताया कि पिक एंड रीड (चुनो और पढ़ो) अभियान में विभिन्न तरह की किताबें आ रही हैं। इसमें कोर्स के साथ ही अन्य तरह की सभी लेखकों की किताबें विद्यार्थियों को पढऩे के लिए मिल रही हैं। जो छात्र-छात्राएं किताब खरीदने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए वरदान साबित हो रहा है। इससे हम सबको काफी लाभ हो रहा है।

होटल मैनेजमेंट की छात्रा तनु ठाकुर ने बताया कि भेल कॉलेज का सभी कोर्स बेहतर है, इसीलिए विद्यार्थियों के लिए नई-नई तरकीब लेकर आ रहे हैं। विद्यार्थियों को नई-नई चीजें पढऩे के लिए मिल रही हैं। इससे बच्चे कोर्स के अलावा भी सीख रहे हैं, जो उनके रोजगार के साथ ही सामाजिक जीवन में बहुत काम आ सकती हैं। इससे काफी लाभ हो रहा है।

बाबूलाल गौर महाविद्यालय के छात्र मयंक कुशवाहा ने बताया कि पिक एंड रीड (चुनो और पढ़ो) अभियान में हम लोगों को नई-नई किताबें पढऩे के लिए मिल रही हैं। इससे हम लोगों को कोर्स के साथ ही अन्य तरह की जानकारी मिल रही है, जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है। इसमें दूसरे प्रदेशों की भी जनरल नॉलेज सहित वहां का इतिहास, राजनीतिक परिदृष्य भी पढऩे को मिल रहा है। इससे हम लोगों को काफी लाभ हो रहा है।

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