नई दिल्ली
हरियाणा के वरिष्ठ IAS अशोक खेमका का 53वीं बार तबादला हुआ है. खेमका का यह तबादला करीब 8 महीने बाद हुआ है. तबादले से पहले आईएएस खेमका ने महाराष्ट्र की राजनीतिक घटनाक्रम पर ट्वीट किया था. अशोक खेमका ने तंज कसते हुए कहा था कि विधायकों की खरीद फरोख्त, उन्हें बंधक बनाना सभी जनसेवा के लिए की जाती है, जनसेवा जैसा सुअवसर छोड़ा नहीं जाता, वंचित रहने से हृदय में पीड़ा जो होती है. होने दो, खूब द्वंद होने दो, साझेदारी में तो मिल-बांट कर जनसेवा की जाएगी.
उन्हें अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महाराष्ट्र को लेकर किया गया ट्वीट उनके ट्रांसफर की वजह बना.ट्रांसफर के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि फिर तबादला. लौट कर फिर वहीं. कल संविधान दिवस मनाया गया. आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया. कुछ प्रसन्न होंगे. अंतिम ठिकाने जो लगा. ईमानदारी का ईनाम जलालत.
अशोक खेमका ने इससे पहले भी महाराष्ट्र को लेकर ट्वीट किया था. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चारों पार्टियां लोगों की सेवा का मौका चाह रही. इतना पैसा लगाया इसी मौके के लिए. जब इतनी प्रतिद्वंदिता जनसेवा का अवसर प्राप्त करने के लिए हो, तो देश की तरक्की भला क्यों न हो.
1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका की गिनती बेहद ईमानदार अधिकारियों में होती है. वे जिस विभाग में रहे, वहां अनियमितताओं का खुलकर विरोध किया. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में भी खेमका भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. उन्होंने हरियाणा के नेता कृष्ण कुमार बेदी के खिलाफ मोर्चा खोला था. एक जीप के दुरुपयोग को लेकर खेमका की उन्हीं के विभाग के मंत्री रहे कृष्ण कुमार बेदी के बीच ठन गई थी.