अध्यात्म मध्य प्रदेश

चिंताहरण मंदिर में विराजमान हैं अकौका वाले गणेश

Ganesha of Akauka is present in Chinthaharan temple.

शास्त्री मार्केट पिपलानी में स्थित मंदिर में विराजे गणपति सच्चे मन से आराधना और उपासना करने पर देते हैं मनचाहा वर

Ganesha of Akauka is present in Chinthaharan temple: भोपाल. बीएचईएल गेट नंबर 5 के पास ए सेक्टर शास्त्री मार्केट पिपलानी में स्थित चिंताहरण गणेश मंदिर में अकौआ वाले भगवान गणेश विराजमान हैं। मंदिर के पुजारी पंडित संदीप शुक्ला ने बताया यहां गणेश जी अकौआ की जड़ से निकले थे। करीब 26 साल पहले कुछ लोग यहां लगा वर्षों पुराना अकौका का पेड़ खोद रहे थे। मान्यता है कि अकौआ का पेड़ जब ज्यादा पुराना हो जाता है, तब उसमें गणेश जी का स्वरूप बन जाता है।

इसी मान्यता को लेकर कुछ लोग चोरी छिपे अकौका का पेड़ खोद रहे थे, तभी वहां पर भेल कर्मचारी आरएस ठाकुर पहुंचे और सच्चाई का पता चलने पर उनसे पेड़ की जड़ में विराजित भगवान गणेश के स्वरूप को ले लिया और यहां पर स्थापित कर दिया। इसके बाद से यहां लगातार भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जा रही है। पुजारी ने बताया कि मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु बुधवार को या चर्तुदशी को मनौती मानकर नारियल बांधता है और 8 बुधवार भगवान गणेश के दर्शन करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है ऐसा श्रद्धालुओं का विश्वास है।

Ganesha of Akauka is present in Chinthaharan temple.

Ganesha of Akauka is present in Chinthaharan temple.

30 अगस्त 1979 को पुष्य नक्षत्र में की गई थी स्थापना
भे ल कर्मचारी आरएस ठाकुर ने बताया कि 30 अगस्त 1979 रविवार को पुष्य नक्षत्र था। इस दौरान कुछ लोग सफेद अकौका के पेड़ को खोद रहे थे। मौके पर पहुंचा और पेड़ को उठाया तो जड़ सहित गड्ढे से बाहर निकल आई। देखा तो पेड़ की जड़ में गणेश की आकृति थी। इस पर हमने पास में लगे नीम के पेड़ के पास बने चबूतरे पर उन्हें ले जाकर विराजित कर दिया। बाद में दूसरी जगह विराजित कर मंदिर बनाने का सोचा पर कुछ पंडित और तांत्रिकों ने बताया कि ये स्वयंभू हैं। वे यहां स्थापित हो चुके हैं, अब कहीं नहीं जाएंगे। इसके बाद यहीं पर छोटी सी मढिय़ा बनाई बाद में भव्य मंदिर और शेड का निर्माण किया गया।

हर साल मनाते हैं उत्सव
प्रतिवर्ष मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाता है। 30 अगस्त को भगवान गणेश की स्थापना की गई थी। इसके उपलक्ष्य में हर साल स्थापना दिवस पर हर्षोल्लास से आयोजन किया जाता है। इस मौके बीते 25 सालों से हवन, पूजन, भंडारे का आयोजन किया जाता है।

विराजमान हैं भोलेनाथ
पिपलानी ए सेक्टर स्थित चिंताहरण गणेश मंदिर में राम दरबार, राधा-कृष्ण, भगवान भोलेनाथ, भगवान गणेश और माता रानी के साथ साईं बाबा की स्थापना की गई है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना और दर्शन करने आते हैं।

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