नई दिल्ली
दिल्ली में भड़की हिंसा के कारण काफी जान-माल का नुकसान हुआ है. वहीं हिंसा से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा पर भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप है. जिसके बाद अब दिल्ली विश्वविद्यालय के एक विभाग ने कपिल मिश्रा को गिरफ्तार किए जाने की मांग की है.
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हिंसा देखी गई. इस हिंसा में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई तो करोड़ों की संपत्ति का भी नुकसान हुआ. वहीं हिंसा से पहले भड़काऊ भाषण देने के आरोपों का सामना करने वाले कपिल मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं. जिसके बाद अब दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क (DSSW) के छात्रों ने उनसे दूरी बना ली है. कपिल मिश्रा भी इसी विभाग से पढ़े हैं.
एक बयान में छात्रसंघ अध्यक्ष अनीश कुमार ने कहा कि संघ ने भड़काऊ कृत्यों और सांप्रदायिक बयानों के लिए मिश्रा को अपने पूर्व छात्र (एलुमिनाई) के रूप में अस्वीकार किया है. बयान में कहा गया है कि एक तरफ हमारे पास गौरवशाली अतीत है और दूसरी तरफ बीजेपी नेता कपिल मिश्रा जैसे एलुमिनाई हैं.
कार्रवाई करने की मांग
बयान में कहा गया है, 'हमें कपिल मिश्रा पर शर्म आती है. उनके उत्तेजक कृत्यों और सांप्रदायिक बयानों के कारण हमारे विभाग और सामाजिक कार्य के पेशे की छवि धूमिल हुई है. DSSW बिरादरी कपिल मिश्रा के जरिए फैलाई गई नफरत, हिंसा और सांप्रदायिकता के खिलाफ है, जिसने हमारे पेशे को खराब कर दिया है.' बयान में कहा गया है कि हम दिल्ली पुलिस से कपिल मिश्रा को गिरफ्तार करने और ऐसे सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं.
क्या कहा था?
बता दें कि बीते दिनों बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक बयान दिया था. उनके बयान को विपक्ष ने उकसाने वाला बताया था. जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास जो धरना प्रदर्शन जारी था, उसके खिलाफ कपिल मिश्रा ने बयान दिया कि अगर तीन दिनों में ये धरना खाली नहीं हुआ तो हम सड़कों पर उतरेंगे और फिर दिल्ली पुलिस की भी नहीं सुनेंगे. कपिल मिश्रा जब ये बयान दे रहे थे, तब दिल्ली पुलिस के अफसर भी उनके साथ खड़े थे.