आम्बेडकर की 132वीं जयंती पर विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
‘Development of society is possible only when women are educated and self-reliant’: भोपाल. भेल में भारत के संविधान निर्माता और भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 132वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। मुख्य अतिथि विनय निगम, ईडी भेल रहे। विशिष्ठ अतिथि अविनाश चन्द्रा, महाप्रबंधक (मा.सं. व लॉजिस्टिक्स) रहे। ईडी निगम ने डॉ. आम्बेडकर का स्मरण करते हुए कहा कि बाबा साहेब बहुआयामी व्यक्तित्व हैं। इस देश के सामाजिक व आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक व आर्थिक सामन्जस्य को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समाज में महिलाओं को प्रमुख घटक मानते हुए कहा कि सही अर्थों में समाज का विकास तभी संभव है, जब महिलाएं शिक्षित और आत्मनिर्भर हों।
चन्द्रा ने कहा कि बाबा साहेब युग पुरुष होने के साथ समर्पित न्यायविद, प्रख्यात अर्थशास्त्री और अभूतपूर्व समाजिक नेता थे। उन्होंने हमेशा सामाजिक सामंजस्य पर जोर दिया। उनका मानना था कि समाज का संतुलित विकास तभी संभव है, जब इसमें रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की भावनाओं और जरूरतों को पूर्ण सम्मान देते हुए उन्हें समान अवसर दिया जाए। अंत में बुद्ध वंदना और उद्योगनगरी द्वारा संचालित स्कूलों में एससी/एसटी और ओबीसी के मेधावी छात्र/छात्राओं का सम्मान करते हुए प्रमाण-पत्र दिए गए।
बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती पर कथा के साथ कराया भोजन
छावनी पठार में भारतीय संविधान के रचयिता भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती पर अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन मप्र के सह सचिव लखन सिंह ठाकुर ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी और भोजन कराया। इस मौके पर टीम के सदस्यों ने संविधान को समझने के साथ ही इसे अक्षुण बनाए रखने की शपथ ली। इस मौके मप्र अध्यक्ष जयदीप तिवारी, जयराम पंथी, लखन सिंह ठाकुर, कुलदीप शर्मा, जानवी ठाकुर आदि मौजूद रहे।
132वीं जयंती पर बाबा साहेब को किया याद
आनंद नगर में भारत रत्न डॉ. भीम राव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर आनंद नगर मण्डल के वॉर्ड क्रमांक 64 में श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके द्वारा देश के लिए किए गए कार्यों को याद किया। उनके द्वारा प्रमुख रूप से भारत के संविधान का निर्माण, शोषित पीडि़त वर्ग के लिए संघर्ष और न्याय दिलाना प्रमुख है।