नई दिल्ली
भारत के 46वें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की सुरक्षा इन दिनों एजेंसियां के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इसी को देखते हुए गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें गोगोई की सुरक्षा को कड़ा करने के निर्देश दिए गए।
दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी (सुरक्षा) आई डी शुक्ला की तरफ से जारी पत्र के मुताबिक एजेंसियों ने चीफ जस्टिस की सुरक्षा पर चिंता जताई। चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठाया गया कि एक पॉइंट पर आकर दिल्ली पुलिस की सुरक्षा इतनी कमजोर हो जाती है कि कोई भी CJI के पास जा सकता है और उनके साथ सेल्फी ले सकता है और या उन्हें माला पहना सकता है। सुरक्षा के लिहाज से यह ठीक नहीं है। इसकी सराहना नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे तुरंत रोकने की जरूरत है।
हाई लेवल मीटिंग के बाद सभी सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया कि चीफ जस्टिस के काफिले की गाड़ियों के लिए सिक्योर्ड पार्किंग की व्यवस्था हो। उनके नजदीक मजबूत सुरक्षा घेरा रहे। सुरक्षाकर्मियों को उन्हें घेरे रहना चाहिए। पत्र के मुताबिक मौजूदा सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि इससे जुड़ी सभी एजेंसियां सभी उच्च-पदस्थ गणमान्य हस्तियों की फुलप्रूफ सुरक्षा सुनिश्चित करें।
दरअसल चीफ जस्टिस लगातार हाई प्रोफाइल केस की सुनवाइयों में शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में होने की वजह से दिल्ली पुलिस पर उनकी सुरक्षा का भार है. राजधानी में चीफ जस्टिस कई सार्वजनिक समारोहों में हिस्सा लेते रहे हैं. ऐसी जगहों पर उनके लिए मजबूती सिक्योरिटी कवर मुहैया कराना एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. चीफ जस्टिस को सुरक्षा मुहैया करने के लिए एजेंसियों के बीच काफी को-ऑर्डिनेशन की भी जरूरत पड़ती है.