मध्य प्रदेश

CAG रिपोर्ट के बाद कमलनाथ सरकार ने तलब किया सिंचाई और नहरों के ठेकों का लेखा जोखा

भोपाल
कांग्रेस सरकार एक-एक कर भाजपा सरकार में हुई गड़बड़ियों की जांच करा रही है. सिंहस्थ और ई-टेंडर (E Tender) के बाद कांग्रेस सरकार (Congress Government) अब नहरों और सिंचाई के ठेकों की जांच करा रही है, खासतौर पर उन ठेकों की जो बेस रेट से 10 फीसदी कम पर दिए गए. मैदानी निरीक्षण करके काम और भुगतान की स्थिति की जांच का आकलन किया जा रहा है. 10 करोड़ रूपयों तक के ठेकों की जांच कराई जा रही है. हर निर्माण कार्य में बेस रेट रखा जाता है. इससे कम प्राइज रेट देने वाले ठेकेदारों को टेंडर दिया गया है. इन सभी ठेकों के काम और भुगतान के ब्यौरा फाइलों में नहीं मिला है. आर्थिक गड़बड़ियों को लेकर जल संसाधन विभाग ने अब सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की है. सारे ठेकों की जांच शुरू हो गई है.

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि नहरों और सिंचाई के ठेकों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं. कैग की रिपोर्ट में सारी अनियमितताएं उजागर हुई हैं. ठेकों में हुई आर्थिक गड़बड़ियों की जांच कराई जाएगी. बरगी, पेंच, राजघाट सहित जितनी भी परियोजनाएं हैं, उनकी जांच रिपोर्ट मंगाई जा रही है, इनमें ग्वालियर, चंबल, मालवा, निमाड़ की सारी परियोजनाएं भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जो भी दोषी हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

नहरों और सिंचाई के ठेकों की जांच को लेकर भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि कब तक योजनाओं की जांच की बात करेंगे. अब तो एक साल हो गया है. कब तक जांच के नाम पर कार्रवाई का रोना रोएंगे. आखिर कब तक कांग्रेस सरकार के मंत्री इस तरह बतोलेबाजी करेंगे. जांच कराने की बात ही करते हैं. पहले जांच पूरी तो करा लीजिए.

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