लखनऊ
विपक्षी दलों का नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर पर विरोध जारी है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके खिलाफ पार्टी विधायकों के साइकिल मार्च को हरी झंडी दिखाई. समाजवादी पार्टी कार्यालय से शुरू हुआ यह मार्च राज्य विधानसभा पर खत्म होगा. सोमवार को ही अखिलेश ने कहा था कि एनआरसी, सीएए, एनपीआर जैसे कदमों से देश में अव्यवस्था, हिंसा और अराजकता ही बढ़ी है। इसके विरोध में समाजवादी पार्टी 'नागरिकता सत्याग्रह' करेगी। अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा, 'बीजेपी सरकार पूरे समय वे झूठ और भ्रम के सहारे अपनी राजनीति चलाती रही हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 1895 में इमीग्रेशन लॉ संशोधन बिल में भी तमाम प्रतिबंध थे जिसे 'खूनी कानून' बताते हुए गांधीजी ने इसके खिलाफ सत्याग्रह 'पैसिव रेजिस्टेंस' का अभियान छेड़ दिया था। गांधीजी ने 11 सितंबर, 1906 को दक्षिण अफ्रीका के शहर नटाल के नाट्य सभागार में आयोजित एक सभा में कहा था 'मर जाना किन्तु कानून के सामने सिर न झुकाना।'
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'बीजेपी राज की एक ही बड़ी उपलब्धि है कि देश की कुल सम्पत्ति चंद घरानों की बंधक बनकर रह गई है। वर्ल्ड इनइक्वैलिटी डेटा बेस के अनुसार देश के 90 प्रतिशत भारतीय महीनें में 12 हजार रुपये से भी कम बामुश्किल कमा पाते हैं। देश के नागरिकों की यह दुर्दशा आर्थिक असमानता के कारण पैदा हुई है। आम लोग इसके शिकार हैं। लोगों की जिंदगी तबाह है। जहां कुछ अकूत सम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं वहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें न छत नसीब है और नहीं दो वक्त की सूखी रोटी। वे भयानक गरीबी में जीने को मजबूर हैं। नये भारत का क्या इसी तरह निर्माण होगा?