भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की परिधि में आने वाले छह जिलों के कॉलेजों ने आल इंडिया सर्वे हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) के पोर्टल अपनी जानकारी अपलोड नहीं की है। आधा दर्जन जिलों में संचालित 480 कॉलेजों को दस दिन की मौहलत दी गई है। वे उक्त समयसीमा में अपनी जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं करते हैं, तो बीयू उनकी संबद्धता समाप्त करने संबंधी कार्रवाई कर करेगा। एआईएसएचई के पोर्टल पर कालेज जानकारी अपलोड नहीं कर रहे हैं, क्योंकि कॉलेजों ने कई स्तर पर फर्जीवाड़ा कर रखा है।
कॉलेजों ने बीयू से कई कोर्स संचालित करने की संबद्धता ले रखी है, जिसमें काफी संख्या में विद्यार्थी प्रवेशित हैं। कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या और कोर्स को संचालित करने के लिए मापदंड के मुताबिक पर्याप्त फैकल्टी मौजूद ही नहीं हैं। यहां तक उन्हें यूजीसी द्वारा तय किए गए मापदंड के वेतन तक नहीं दिया जाता है। कुछ प्रोफेसरों के नाम तो तीन-तीन कालेजों में चल रहे हैं। प्रोफेसर नौकरी छोड़कर दूसरे कालेजों में पहुंच गए, लेकिन दस्तावेजों में वे आज भी उसी कालेज में बने हुए हैं।
निजी कॉलेज उच्च शिक्षा विभाग और बीयू के दवाब में आकर कई मापदंडों को पूरा कर लेते हैं, लेकिन सरकारी कालेजों में फैकल्टी का सबसे ज्यादा अभाव है। विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन उनकी संख्या के हिसाब से फैकल्टी नहीं रखी जा रही है।