नई दिल्ली
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी से विवाद के बाद राह अलग करने वाली शिवसेना अब संसद में विपक्षी खेमे में बैठेगी। राज्यसभा के सूत्रों ने बताया कि सोमवार से शुरू हो रहे सत्र में शिवसेना सांसद संजय राउत और अनिल देसाई विपक्षी की बेंचों पर बैठेंगे। माना जा रहा है कि शिवसेना के 18 लोकसभा सांसद भी विपक्षी खेमे में ही होंगे, जो अब तक सत्ता पक्ष की बेंचों पर बैठते थे। बता दें कि शिवसेना राज्य में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की जुगत में है।
शिवसेना या बीजेपी की ओर से गठबंधन टूटने का औपचारिक ऐलान भले ही नहीं हुआ है, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम से यह साफ है कि अब शिवसेना अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। रविवार को होने वाली एनडीए की संसदीय दल की बैठक में भी शिवसेना ने जाने से इनकार कर दिया है। बता दें कि रविवार को ही शिवसेना के संस्थापक रहे बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि भी है। करीब तीन दशकों से बीजेपी की साझीदार रही शिवसेना ने महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर तकरार के बाद अपनी राह अलग की है।
इस बीच उद्धव ठाकरे की लीडरशिप वाली शिवसेना ने वैचारिक रूप से अलग मानी जाने वाली एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार गठन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय कर लिया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि यह लगभग तय है कि शिवसेना का कोई भी सांसद रविवार को एनडीए की मीटिंग में नहीं जाएगा। 11 नवंबर को अरविंद सांवत के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से शिवसेना केंद्र सरकार से भी बाहर हो चुकी है।
कांग्रेस-NCP उद्धव को ही चाहती हैं CM बनाना
इस बीच खबर है कि शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर राजी हुई एनसीपी और कांग्रेस उद्धव ठाकरे को ही महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती हैं। कई सूत्रों ने बताया कि दोनों दलों ने शिवसेना को भी कह दिया है कि वे उद्धव के अलावा उनकी पार्टी से कोई भी दूसरा चेहरा गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं चाहते हैं।