गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र: 5 करोड़ की पार्किंग पर उद्योगपतियों का कब्जा
Big vehicles and trolleys coming from outside standing on the road : भोपाल. गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में मध्यप्रदेश शासन के एमएसएमई विभाग और गोविंदपुरा औद्योगिक एसोसिएशन के प्रयासों से सेक्टर-दो में उद्योगों के लिए बाहर से सामान लेकर आने वाले भारी वाहनों को सुव्यवस्थित करने के लिए पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन पार्किंग की इस जमीन पर कुछ कंपनियों के कर्ताधर्ताओं ने कब्जा कर रखा है।
इससे बाहर से आन ेवाले वाहन चालकों अपने वाहन खड़े करने के लिए जगह ही नहीं बचती। ऐसे में यह भारी वाहन औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सडक़ पर ही अव्यवस्थित तौर पर खड़े रहते हैं। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। बतादें कि गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में बनाई जा रही पार्किंग में गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के करीब 1100 उद्योगों में आने जाने वाले भारी वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था की गई है। यहां पर वाहन चालकों को ठहरने की व्यवस्था के साथ ही पानी, टायलेट, वाहनों के मेंटेनेंस के लिए गैराज आदि की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।
गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय गौड़ ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से 6 एकड़ जमीन पर पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। इससे पहले इस जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर झुग्गी झोपड़ी बना रखी थी, जिसे एसोसिएशन द्वारा शासन के सहयोग से अतिक्रमण मुक्त कराया गया था। लेकिन मौजूदा समय में निर्माणाधीन पार्किंग की जमीन पर मेसर्स अक्षय इंडस्ट्रीज, मेसर्स एफ्लाटस इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज एवं मेसर्स गरिमा इंडस्ट्रीज द्वारा कब्जा कर अर्धनिर्मित वाहनों को खड़ाकर फेब्रिकेशन का काम किया जा रहा है। एसोसिएशन की माने तो इस संबंध में इन कंपनियों के संबंधित कर्ताधर्ता को कई बार समझाइस देने के बाद भी पार्किंग में वाहनों को खड़ा किया जा रहा है।
पार्किंग की जमीन पर तीन कंपनियों ने बीते कई सालों से कब्जा कर रखा है। इससे बाहर से आने वाले बड़े वाहन औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सडक़ों पर खड़े हो रहे हैं। इससे हादसे की आशंका रहती है।
विजय गौड़, अध्यक्ष, गोविंदपुरा औद्योगिक एसोसिएशन
जिला उद्योग विभाग ने पहले भी इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी। उस समय कब्जा हटा लिया था। फिर कब्जा किया गया है, तो उसे दिखवाते हैं। नोटिस जारी करेंगे। टै्रफिक पुलिस को भी लिखेंगे।
कैलाश मानेकर, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र भोपाल