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BHU में रेजिडेंट डाक्टर को पीटा, आज से हड़ताल की घोषणा, हमलावरों की गिरफ्तारी तक नहीं करेंगे काम

वाराणसी 
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के स्पेशल वार्ड के पास रविवार की दोपहर एक रेजिडेंट डाक्टर को बुरी तरह पीट दिया गया। साथी की पिटाई से खफा रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। रेजिडेंट डाक्टर हमलावरों की गिरफ्तारी तक इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी समेत अन्य सेवाएं नहीं करेंगे। वहीं मामले में लंका थाने में पांच अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने डॉक्टरों की निशानदेही पर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद छोड़ दिया। 

बताया जाता है कि 30 अक्तूबर की रात 11 बजे सीसीयू में डॉ. विकास कुमार मौर्य अपने सीनियर्स के साथ ड्यूटी दे रहे थे। उसी समय एक मरीज के परिजन के साथ सीसीयू में बेड देने के मुद्दे पर विवाद हुआ था। उस समय तो मामला शांत हो गया। रविवार की दोपहर करीब 12 बजे स्पेशल वार्ड के पास डॉ. विकास दो अन्य साथियों के साथ बाइक से पहुंचे। बाइक पार्क करने के बाद साथियों के साथ खड़े होकर बातचीत कर रहे थे कि दो बाइक पर पांच लोग पहुंचे और उनसे आला मांगने लगे। मना करने पर हमलावरों ने कहा कि ‘यही सीसीयू वाला डॉक्टर हैं।’ इतना कह कर उनकी पिटाई शुरू कर दी। जमीन पर गिराकर पीटने लगे। आला भी तोड़ दिया। आरोप है कि डॉ. विकास को इतना पीटा गया कि उनके कान से सुनाई देना बंद हो गया।

साथी की पिटाई की सूचना पर अन्य डाक्टर आक्रोशित हो उठे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। मौके पर चीफ प्राक्टर प्रो.ओपी राय और चिकित्सा अधीक्षक तथा अन्य अधिकारी पहुंचे। उनसे लिखित शिकायत ली। उसे लंका थाने भेजा गया। लंका इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी ने बताया कि डॉ. विकास मौर्या व सुशांत की तहरीर पर पांच अज्ञात के खिलाफ मारपीट समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही है। 

वीसी से मिले आक्रोशित डॉक्टर 
रविवा की शाम रेजिडेंट डॉक्टरों ने कुलपति प्रो.राकेश भटनागर से मुलाकात की। उन्हें पूरी घटना बताई। कहा कि सीसीयू में बेड खाली न होने पर मरीज को कार्डिक वार्ड में भर्ती कर दिया गया। उस मरीज के परिजन ने अपने भाई को फोन कर बात कराई। डॉक्टर का आरोप है कि फोन पर उस व्यक्ति ने गाली-गलौज की और देख लेने की धमकी दी। मरीज का इलाज सीसीयू में सुचारु रूप से चल रहा है। नाराज डाक्टरों ने कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होती वह कार्य बहिष्कार करेंगे। कुलपति समेत अन्य अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की। उन्हें भरोसा दिया कि सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए जाएंगे। मगर जूनियर डॉक्टर अड़े रहे। देर रात उन्होंने सोमवार से काम के बहिष्कार की घोषणा कर दी।

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