वाराणसी
बीएचयू में रविवार की देर रात एक बार फिर बड़ा बवाल होते होते टल गया। दरोगा की पिटाई से आक्रोशित छात्रों ने लंका थाना घेरते हुए हंगामा शुरू कर दिया तो भारी फोर्स बुला ली गई। खुद एसपी सिटी सिविल कपड़ों में ही तत्काल थाने पहुंच गए। काफी देर तक छात्रों को समझाने की कोशिश करते रहे, छात्र मानने को तैयार नहीं हुए तो दरोगा को सस्पेंड करने की घोषणा कर किसी तरह शांत किया गया।
बताया जाता है कि लंका चौराहे पर स्थित एक चाय की दुकान पर रविवार रात करीब साढ़े 10 बजे बीएचयू के कुछ छात्र चाय पी रहे थे। इसी दौरान वहां शराब के नशे में पहुंचे दो लोग आपस में झगड़ने लगे। देखते ही देखते दोनों में मारपीट होने लगी। इसकी सूचना पर चौकी प्रभारी सीरगोवर्धन अमरेंद्र पाण्डेय और चौकी प्रभारी चितईपुर प्रकाश सिंह मौके पर पहुंच गए।
आरोप है कि पुलिस वहां चाय पी रहे एमए द्वितीय वर्ष (राजनीति शास्त्र) के छात्र विवेक सिंह और बीए तृतीय वर्ष के छात्र प्रियांक मणि को पीटने लगी। आरोप है कि छात्रों ने इसका विरोध किया तो प्रकाश सिंह ने पिस्टल की मुठिया और जूते से दोनों छात्रों की पिटाई की। इस पर आसपास बैठे कुछ अन्य छात्र भी पुलिस के खिलाफ एकजुट हो गए। छात्रों को जुटता देख पुलिसकर्मी दोनों छात्रों के अलावा कुछ अन्य लोगों को पकड़कर लंका थाने ले आए। यहां भी छात्रों को पीटा गया।
इसकी सूचना बीएचयू के छात्रावासों में पहुंची तो वहां से बड़ी संख्या में छात्र एकजुट होकर लंका थाने पहुंच गए। उन्होंने थाने का घेराव कर दिया और सहपाठी को छोड़ने की मांग करने लगे। पकड़े गए छात्रों के अलावा भी कई छात्रों ने दरोगा पर अपनी पिटाई का आरोप लगाया। छात्रों की संख्या देख कई थानों की फोर्स मौके पर बुला ली गई। मामला बिगड़ने की आशंका में एसपी सिटी दिनेश सिंह और एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। छात्रों को समझाने की कोशिश की लेकिन छात्र दरोगा पर कार्रवाई से कम पर मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद छात्रों से दोषी पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने और गाली गलौज करने की तहरीर ली गई और चितईपुर चौकी प्रभारी प्रकाश सिंह को सस्पेंड करने की घोषणा कर छात्रों को शांत किया।