वाराणसी
लाल बहादुर शास्त्री (एलबीएस) और बिड़ला हास्टल के छात्रों के बीच झड़प के बाद हुई पुलिससिया कार्रवाई के खिलाफ गुरुवार की शाम से बीएचयू के सिंहद्वार पर जारी धरना शुक्रवार की देर रात खत्म हो गया। एलबीएस को दोबारा छात्रों के लिए खोलने के साथ ही तीन मुख्य मांगें मान ली गई हैं। फिलहाल बिड़ला बी में एलबीएस के छात्रों के लिए व्यवस्था की जा रही है। रविवार से एलबीएस को छात्रों के लिए नए सिरे से आवंटित किया जाएगा।
बीएचयू में गुरुवार दोपहर में मैत्री जलपान गृह में एलबीएस और बिड़ला छात्रावास के छात्रों के बीच हुई मारपीट ने उग्र रूप ले लिया था। स्थिति यह हो गई कि विश्वविद्यालय के प्राक्टोरियल बोर्ड को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी। फोर्स ने एलबीएस हॉस्टल की तलाशी ली, जहां 15 युवक बिना आईडी कार्ड के मिले, जिन्हें लंका थाने भेज दिया गया। हॉस्टल की छत से पुलिस को एक तमंचा भी मिला। देर शाम प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने एलबीएस हॉस्टल खाली करा दिया। इसके विरोध में छात्रों ने सिंहद्वार पर धरना शुरू कर दिया।
छात्रों का धरना शुक्रवार की सुबह भी जारी रहा। छात्रों ने.एलबीएस हॉस्टल को पुनः बहाल करने, गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा करने, किसी भी छात्र पर विधिक कार्रवाई न करने और दोषी पुलिसकर्मियों पर विधिक कार्रवाई करने की मांग रखी। धरनारत छात्रों के समर्थन में विभिन्न हास्टलों के छात्र भी आने लगे तो बीएचयू प्रशासन पर दबाव बढ़ गया। शुक्रवार शाम धरना दे रहे छात्रों को समझाने डीन ऑफ स्टूडेंट पहुंचे लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद छात्रों की तरफ से एलबीएस के वार्डन और वीसी के बीच बातचीत हुई।
इसके बाद एलबीएस के छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बिड़ला बी में करने, हिरासत में लिये गए छात्रों को छोड़ने पर सहमति बनी। बताया जाता है कि छात्रों को छोड़ भी दिया गया। इसके बाद सिंह द्वार पर चल रहा धरना छात्रों ने खत्म करने की घोषणा कर दी।