नई दिल्ली
भारती एयरटेल अभी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बकाया देने की मुश्किलों से जूझ ही रही थी कि उसके सामने एक नई मुसीबत आ गई है. वाणिज्य मंत्रालय ने भारती एयरटेल पर कार्रवाई की है. मंत्रालय ने सुनील मित्तल के नेतृत्व वाली इस कंपनी को आयात पर मिलने वाले टैक्स छूट के मामले में ब्लैक लिस्ट कर दिया है.
क्यों हुई कार्रवाई
निर्यात संबंधी शर्तों को पूरा न करने की वजह से एयरटेल पर यह कार्रवाई की गई है. खबरों के अनुसार,वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एयरटेल को 'डिनाइड एंट्री लिस्ट' में डाल दिया है. भारती एयरटेल ने एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स स्कीम (EPCG ) के तहत निर्यात बाध्यताओं को पूरा नहीं किया है.
जिन कंपनियों को डिनाइड एंट्री लिस्ट में डाल दिया जाता है उनका आयात लाइसेंस खत्म हो जाता है. कंपनी अब विदेश व्यापार महानिदेशालय के तहत किसी भी तरह का आयात फायदा या लाइसेंस हासिल नहीं हो पाएगा.
गौरतलब है कि जियो के आने के बाद तगड़ी प्रतिस्पर्धा और एजीआर पर हजारों करोड़ करोड़ की रकम सरकार को देने की बाध्यता की वजह से एयरटेल की हालत पहले से ही खराब है.
क्या हैं नियम और शर्तें
EPCG स्कीम के तहत किसी कंपनी को निर्यात के लिए माल और सेवाएं तैयार करने के लिए कैपिटल गुड्स का आयात शून्य सीमा शुल्क पर करने की इजाजत मिलती है. यह सुविधा हासिल करने वाली कंपनी ने इस तरह से जितना टैक्स बचाया है उसके छह गुना के बराबर निर्यात करना पड़ता है. लेकिन एयरटेल ने इस शर्त को पूरा नहीं किया.
क्या कहा एयरटेल ने
वाणिज्य मंत्रालय के इस कदम पर एयरटेल ने कहा कि उसने तो पिछले सभी लाइसेंस बंद करने के लिए खुद ही आवेदन किया है और अप्रैल 2018 के बाद ऐसा कोई नया लाइसेंस नहीं लिया है. कंपनी सूत्रों ने कहा, 'एयरटेल ने अप्रैल 2018 के बाद से ऐसा कोई लाइसेंस नहीं लिया है. कंपनी ने खुद ही सभी पुराने लाइसेंस बंद करने का आवेदन किया है.'
इस बारे में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने भी कंपनी से सफाई मांगी है, हालांकि कंपनी की तरफ से अभी स्टॉक एक्सचेंज को कोई जवाब नहीं मिला है.