मुंबई
पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अगला अध्यक्ष बनने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने इस पद के लिए सोमवार दोपहर लगभग डेढ बजे अपना नामाकंन दाखिल करने के लिए मुंबई स्थित बीसीसीआई के ऑफिस पहुंचे और लगभग सवा तीन बजे ऑफिस से बाहर आए। उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह भी थे, जिन्होंने सचिव पद के लिए अपना नामाकंन दाखिल किया। नामाकंन के बाद उन्होंने कहा, 'कई मुद्दे हैं, जिन्हें सुलझाना है।'
बीसीसीआई चीफ या कप्तान कौन-सा पद अधिक चैलेंजिंग हैं? सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'देखिए, कप्तान का काम अधिक चुनौतीपूर्ण है। वहां मैदान पर होते हुए टीम को संभालना पड़ा है। यहां भी चैलेंज हैं, लेकिन उससे अलग है।' इन दोनों के अलावा पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन और पूर्व आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला भी थे। बता दें कि रविवार को हुई बैठक में बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष पद के लिए गांगुली के नाम पर मुहर लगा दी गई।
उन्होंने कहा, 'नियुक्ति से मैं खुश हूं क्योंकि यह वह समय है जब बीसीसीआई की छवि खराब हुई है और यह मेरे लिए कुछ करने का अच्छा मौका है। आप चाहे निर्विरोध चुने गए हों या नहीं, लेकिन यह एक बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि यह क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। क्रिकेट के क्षेत्र में भारत एक शक्तिशाली देश है और यह एक बड़ी चुनौती होगी।'
इसके अलावा पूर्व भारतीय बल्लेबाज बृजेश पटेल आईपीएल के अगले चेयरमैन होंगे। इस पद का प्रस्ताव पहले गांगुली को दिया गया था, लेकिन उन्होंने यह पद संभालने से मना कर दिया। 47 वर्षीय गांगुली का कार्यकाल एक साल से भी कम समय के लिए ही होगा क्योंकि नए नियमों के मुताबिक, अगले साल जुलाई के बाद वह ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ में चले जाएंगे।
वह फिलहाल बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के पद पर काम कर रहे हैं। बीसीसीआई के नए नियमों के अनुसार, एक प्रशासक लगातार केवल छह साल तक ही अपनी सेवाएं दे सकता है। गांगुली ने कहा, ‘यह नियम है, इसलिए हमें इसका पालन करना होगा। मेरी पहली प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों पर ध्यान देने की होगी। क्रिकेटरों के वित्तीय हित का ध्यान रखने के लिए रणजी ट्रोफी क्रिकेट पर भी ध्यान दिया जाएगा।’