चंद्रयान-3 में भी बीएचईएल द्वारा निर्मित बैटरी और उपकरण लगाए गए हैं, जो देश और बीएचईएल के लिए गर्व की बात है
After hoisting the flag on earth, water around the world, now BHEL has reached the moon: भोपाल. बीएचईएल देश के ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनेगा। चंद्रयान की उड़ान में देश की महारत्न कंपनी बीएचईएल की भी अहम भूमिका है, क्योंकि इसमें बीएचईएल द्वारा निर्मित उपकरण लगाए गए हैं। इसके सफल प्रक्षेपण के लिए एसडीएससी श्रीहरिकोटा को बीएचईएल ने बधाई दी है। पिछले दो दशक से देश में छोड़े जा रहे उपगृहों में बीएचईएल द्वारा निर्मित आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। हाल ही में छोड़े गए चंद्रयान-3 में लगी बैटरी को बीएचईएल की बैंगलूरु इकाई द्वारा बनाया गया है।
गौरतलब है कि चंद्रयान-3 में प्रयुक्त बैटरी तथा प्रोपल्शन मॉड्यूल भेल द्वारा निर्मित हैं। साथ ही टाइटेनियम प्रोपेलेंट टैंक भी बीएचईएल द्वारा ही बनाए गए हैं। बीएचईएल पिछले दो दशकों से इसरो के साथ उनके अभियान में सहभागिता कर रहा है। इधर, इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस सक्सेसफुल लॉन्च के बाद कहा कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग प्लान की गई है। चंद्रयान-3 के इस ऐतिहासिक मिशन में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित उपकरण लगाए गए हैं।
100 स्पेस. ग्रेड बैटरी की आपूर्ति कर बनाया इतिहास
देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन उपकरण निर्माता बीएचईएल ने चंद्रयान -3 मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन; इसरो को 100 स्पेस. ग्रेड बैटरी की आपूर्ति कर एक मील का पत्थर साबित किया है। पिछले कई सालों से भेल आईएनएसएटी जीएसएटी, आईआरएनएसएस और आरआईएसएटी जैसे महत्वपूर्ण मिशन के लिए इसरो को बैटरी आपूर्ति कर रहा है।
बीएचईएल ईएसडीए बैंगलूरु में बनाए गए
स्पेस. ग्रेड ली. आयन सेल का निर्माण बैंगलूरु में भेल के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिवीजन; ईएसडी में किया है। ये बैटरियां निकेल. कैडमियम निकेल. हाइड्रोजन और लिथियम. आयन सहित विभिन्न प्रकार के रसायन विज्ञान का उपयोग करती हैं।
बीएचईएल इसरो के साथ पिछले 20 वर्षों से निरंतर जुड़ा हुआ है। चंद्रयान-3 से पहले कई उपग्रहों के लिए बैटरी और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति कर चुका है। बीएचईएल द्वारा बनाए गए ये उपकरण और बैटरी निर्बाध गति से कार्य करते रहे हैं। चंद्रयान-3 में भी बीएचईएल द्वारा निर्मित बैटरी और उपकरण लगाए गए हैं, जो देश और बीएचईएल के लिए गर्व की बात है।
विनोदानंद झा, पीआरओ भेल