भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya pradesh)में पटवारियों के बाद अब तहसीलदार और नायब तहसीलदार(Tehsildar – Naib Tehsildar)सामूहिक छुट्टी (collective holiday) पर चले गए हैं. अपनी मांगों को लेकर वो 10 से 13 अक्टूबर तक काम बंद रखेंगे. तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के इस फैसले ने सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है.
ये हैं मांगें-मध्य प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी मांगों को लेकर 10 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक सामूहिक छुट्टी पर हैं. इनका कहना है अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो वो हड़ताल पर भी जा सकते हैं. ये लोग वेतन विसंगति दूर करने, जल्द प्रमोशन,सरकारी गाड़ी और कंप्यूटर ऑपरेटर्स की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
हालांकि तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के सामूहिक अवकाश पर जाने के फैसले को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब प्रदेश में किसानों और बाढ़ आपदा से हुए नुकसान का आंकलन किया जाना है.
पटवारियों और तहसीलदारों ने ऐसे वक्त में काम बंद किया है जब राजस्व विभाग को उनकी सबसे ज्यादा ज़रुरत है. मध्य प्रदेश में बाढ़ आपदा के बाद राजस्व नुकसान का सर्वे होना है. वहीं दूसरी तरफ बारिश से खराब हुई फसलों के नुकसान का आंकलन भी किया जाना है. ऐसे में राजस्व विभाग की दोनों अहम कड़ी के काम बंद करने पर ये सवाल भी खड़े होने लगे हैं कि कहीं सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश तो नहीं हो रही. ऐसा इसलिए भी क्योंकि विपक्ष मुआवज़े के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है.
मंत्री जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह के पटवारियों को भ्रष्ट बताने वाले बयान के बाद पटवारी संघ हड़ताल पर चला गया था. सरकार ने हड़ताल ख़त्म करने की अपील की तो पटवारी संघ ने ग्रेड पे बढ़ाने की मांग रख दी. इसके बाद सरकार से संघ की कई स्तर पर बातचीत हुई तब जाकर हड़ताल खत्म हुई.