भोपाल
केन्द्र सरकार द्वारा कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता पांच प्रतिशत बढ़ाए जाने के बाद अब मध्यप्रदेश में भी यह मांग उठी है।मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कमलनाथ सरकार से मंहगाई भत्ता बढ़ाने की मांग की है। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों को भी केन्द्रीय कर्मचारियों के समान जुलाई से 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जायें। अभी मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 12% महंगाई भत्ता मिल रहा है और वह अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों से 5% पीछे रह जाएंगे।माना जा रहा है कि कर्मचारियों को खुश करने केन्द्र की तर्ज पर प्रदेश सरकार भी कर्मचारियों को पांच प्रतिशत मंहगाई भत्ता बढ़ाकर दीवाली पर यह सौगात दे सकती है।
दरअसल, वर्तमान में मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 12% महंगाई भत्ता मिल रहा है । प्रदेश के साढ़े सात लाख से ज्यादा नियमित और करीब दो लाख पंचायत, निकाय और मंडलों के कर्मचारी हैं। इसके अलावा चार लाख से ज्यादा पेंशनर्स हैं।जो पांच प्रतिशत महंगाई भत्ते की मांग किए हुए है।हालांकि वित्त विभाग ने प्रदेश के कर्मचारियों को 3 प्रतिशत मंहगाई भत्ते की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर मुख्य मंत्री को सहमती के लिये भेजा था जिसका कर्मचारी संघ ने विरोध कर केन्द्र के समान महंगाई भत्ता देने की मांग की थी। अब चुंकी केन्द्र ने डीए बढ़ा दिया है ,ऐसे में राज्य सरकार के ऊपर भी दबाव बढने लगा है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार के फैसले के मद्देनजर अब वित्त विभाग इसको लेकर विचार करेगा और प्रस्ताव तैयार करके निर्णय के लिए कैबिनेट में लाएगा।संभावना जताई जा रही है कि दीवाली से पहले राज्य सरकार कैबिनेट में इस प्रस्ताव को लाकर मंजूरी दे सकती है।
यदि कमलनाथ सरकार पांच प्रतिशत बढ़ाकर महंगाई भत्ता देती है तो सरकार के खजाने पर छह सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का सालाना वित्तीय भार आएगा।लेकिन माना जा रहा है नाराज चल रहे कर्मचारियों को मनाने सरकार ये फैसला ले सकती है।
बता दे कि केन्द्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) 5% बढ़ाने की मंजूरी दी। अब यह 12% से बढ़कर 17% हो गया है। डीए में बढ़ोतरी जुलाई से लागू होगी। यानी कर्मचारियों और पेंशनरों को 3 महीने का एरियर मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा यह डीए में अब तक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।