उज्जैन
ईओडब्ल्यू (EOW) ने उज्जैन में भ्रष्टाचार के मामले में एक बड़ी कार्रवाई की है. ईओडब्ल्यू के एसपी राजेश रघुवंशी (SP Rajesh Raghuvanshi) ने बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) के मैनेजर अनिल जैन (Manager Anil Jain) और क्रेडिट विक्रांत मैनेजर सहित 13 लोगों को आरोपी बनाया है. सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. गबन का यह मामला करीब 4 करोड़ 56 लाख रुपए का है. हैरानी की बात ये है कि वेयर हाउस की रिसिप्ट के द्वारा फर्जी तरीके से लोन लिया गया. आरोपियों में बैंक अधिकारी, वेयर हाउस मालिक सहित 11 फर्मों के लोग शामिल हैं.
उज्जैन में बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर वेयर हाउस संचालक और संस्थाओं के मालिक ने बैंक को ही 4 करोड़ 56 लाख 93 हजार रुपए की चपत लगा दी. मामला वर्ष 2016-2017 का है. उज्जैन कृषि उपज मंडी की 11 फर्मों ने मिलकर इंदौर रोड स्थित नील कृष्ण वेयर हाउस में अनाज रखना बताया और वेयर हाउस रिसिप्ट पर लोन ले लिया. यह लोन बैंक ऑफ इंडिया की सेठी नगर शाखा से लिया गया. जिन संस्थाओं ने बैंक से लोन लिया उनमें से कई संस्था तो केवल कागजों पर ही चल रही हैं. यही नहीं, संस्थाओं के ऑफिस के पते भी फर्जी हैं, तो कुछ संस्थाओ ने निजी मकानों पर बोर्ड लगा रखा है.
इस घोटाले का मुख्य सरगना वेयर हाउस संचालक किशोर कुमार जायसवाल को बताया जा रहा है. वेयर हाउस संचालक ने अपने ही नौकर और परिजनों के नाम पर ही कई फर्जी संस्था बनाई और लोन लिया. लोन की इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में बैंक के अधिकारीयों की मुख्य भूमिका रही है जिन्हें आरोपी बनाया गया है. इस घोटाले की शिकायत 2 फ़रवरी 2019 को बैंक के वर्तमान मैनेजर ने की.शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच शुरू की और भ्रष्टाचार के दस्तावेज व सबुत जुटाकर आज प्रकरण दर्ज कर लिया गया.
ईओडब्ल्यू एसपी राजेश रघुवंशी के मुताबिक मामले में बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन मैनेजर अनिल जैन, क्रेडिट मैनेजर विक्रांत, वेयर हाउस मालिक किशोर कुमार जायसवाल सहित सभी दोषी फर्मों के संचालक पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी.